अपनी बात

… ईसाई तीर्थयात्रियों को रवाना करने के लिए न CM रघुवर और न ही पर्यटन मंत्री के पास वक्त था

कल यानी 28 अगस्त को हटिया स्टेशन से एक स्पेशल ट्रेन कोलकाता के लिए खुली। जिसमें कुल 18 कोच लगे थे और इसमें सवार थे झारखण्ड के विभिन्न इलाकों के वे 900 ईसाई धर्मावलम्बी जो कोलकाता स्थित बैंडेल चर्च को देखने जा रहे थे। लोगों का कहना था कि राज्य सरकार ने उनलोगों को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत बैंडेल चर्च भेजने की योजना बनाई, जिसके लिए राज्य के विभिन्न इलाकों में रह रहे बीपीएल परिवारों के 60 वर्ष से अधिक उम्र के ईसाई धर्मावलम्बियों को चुना गया।

रेलवे सूत्रों के अनुसार यह ट्रेन कोलकाता की यात्रा कराकर 31 अगस्त को हटिया स्टेशन लौट आयेगी। कल के इस कार्यक्रम के लिए जिस प्लेटफार्म से इस स्पेशल ट्रेन को रवाना होना था, वहां पर बड़ी तामझाम की व्यवस्था की गई थी। बैनर लगाये गये थे, जिस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास और पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी का नाम अंकित था।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार इस स्पेशल ट्रेन को रवाना करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास और पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी को आना था, इसलिए प्लेटफार्म पर कोच तक जाने के लिए ग्रीन कारपेट तक बिछाये गये थे, पर इन दोनों महानुभावों ने इस कार्यक्रम से खुद को अलग रखा।

लोग बताते है कि राज्य के मुख्यमंत्री अथवा पर्यटन मंत्री का इस अवसर पर नहीं रहना, ईसाई तीर्थयात्रियों को खला। राजनीतिक पंडित बताते है कि इस राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास 800 लोगों को कुम्भ स्नान करवाने के लिए स्पेशल ट्रेन खुलवाने और हरी झंडी दिखाने का समय रहता है, पर ईसाई धर्मावलम्बियों को रवाना करने के लिए उनके पास समय नहीं हैं, है आश्चर्य?

आखिर ये सब क्या बताता है? अंत में उक्त स्पेशल ट्रेन को रवाना करने के लिए हाथ में हरी झंडी पर्यटन कार्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव बेसरा, पीआरओ रेल नीरज कुमार और अन्य लोगों को उठाना पड़ा और जिस प्रकार की तामझाम की व्यवस्था हटिया स्टेशन पर जिनके लिए की गई थी, वो तामझाम ऐसे ही पड़ा रह गया, और ट्रेन मायूसी की अवस्था में 900 ईसाईयों को लेकर अपने गंतव्य की ओर चल पड़ी।