अपनी बात

नक्सलियों ने चौधरीबांध में पटरी उड़ाई, गया-गोमो लाइन में रेल सेवा ठप, कई गाड़ियों को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया

नक्सलियों ने कल देर रात लगभग पौने ग्यारह बजे चौधऱीबांध स्टेशन के अप होम सिग्नल के निकट विस्फोट कर अप एवं डाउन की रेल पटरियां उड़ा दी। जिससे धनबाद रेल मंडल के गया-गोमो लाइन में रेल सेवा पूर्णतः ठप हो गई। नक्सलियों द्वारा अप और डाउन लाइन की पटरियों को विस्फोट कर उड़ा दिये जाने से गया-गोमो रेल लाइन के अप और डाउन लाइन में रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित हो गई।

सूत्र बताते है कि नक्सलियों ने बिहार के सात एवं झारखण्ड के छः जिलों में नक्सली बंद बुलाया था, नवरात्र के अवसर पर बुलाये गये बंद और विस्फोट कर रेल पटरियों को उड़ा दिये जाने से रेलयात्रियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर नक्सलियों के प्रति लोगों का गुस्सा चरम पर है।

फिलहाल गया-गोमो रेल लाइन पर रेल सेवा प्रभावित हो जाने के कारण, धनबाद से चलकर पटना जानेवाली, और पटना से चलकर धनबाद आनेवाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस, पटना-हटिया एक्सप्रेस अप एवं डाउन दोनों, कालका मेल अप को झाझा-जसीडिह मार्ग से चलाया जा रहा है, जबकि नंदन कानन अप एवं क्षिप्रा एक्सप्रेस अप को बरकाकाना मार्ग से चलाया जा रहा है। फिलहाल नक्सलियों द्वारा पटरी उड़ा दिये जाने की वजह से शालीमार एक्सप्रेस तथा झारखण्ड संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को भी परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है।

इसी बीच जिन यात्रियों को गोमो से तोपंचाची जाना था, जहां का किराया मात्र दस रुपये है, नक्सलियों द्वारा इस घटना को अंजाम दे दिये जाने के कारण, गाड़ीवालों ने दस रुपये की जगह प्रति व्यक्ति 100 रुपये मनमाने किराये वसूले। इधर चौधरीबांध में पटरी उड़ा दिये जाने के कारण में इस रेल खण्ड पर रेल सेवा बहाल होने में समय लगेंगे, हालांकि चौधरीबांध में क्षतिग्रस्त पटरियों को ठीक करने का काम प्रारम्भ हो गया, क्योंकि वहां रेलकर्मियों का समूह पहुंचकर, मरम्मतिकरण का काम प्रारम्भ कर दिया है, बताया जाता है कि कुछ घंटों की देरी के बाद इस रेल खण्ड पर जल्द ही रेल सेवा बहाल हो जायेगी।

इधर नक्सलियों ने झारखण्ड में इस घटना को अंजाम देकर, राज्य सरकार और यहां के वरीय पुलिस अधिकारियों के उस बयान की हवा निकाल दी, कि अब राज्य में नक्सलियों की शक्ति को छिन्न-भिन्न कर डाला गया है, ऐसे भी नक्सलियों का समूह रेल सेवा को प्रभावित कर, अपनी शक्ति को प्रदर्शित करता रहा है, पर नवरात्र के समय इस घटना को अंजाम दे दिये जाने से रेलयात्रियों का समूह आक्रोशित नजर आया और नक्सलियों के उस कृत्य की कड़ी आलोचना करते देखे गये।