अपनी बात

M V RAO ने पत्रकारों से कहा, ये मत भूलिये कि कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है, सांप्रदायिकता का संक्रमण

कोरोना आज है, कल नहीं रहेगा, मगर सांप्रदायिकता का संक्रमण, कोरोना से ज्यादा खतरनाक है। देश को इस तरह मत बांटिये, कि देश, देश ही नहीं रहे, अगर देश ही नहीं रहेगा तो हिन्दू कहां रहेगा और मुसलमान कहां रहेगा? पॉलिटिशियन्स को उनका अपना काम करने दिजिये, मगर पोलिसिंग और जर्नलिज्म में पॉलिटिक्स मत आने दिजिये।

अपनी लेखिनी से किसी को मत भड़काइये, इतनी नफरत मत पैदा करिये, घृणा की जगह शांति का बीजारोपण करिये। ये विचार है, राज्य के पुलिस महानिदेशक एमवी राव के। जो रांची प्रेस क्लब के कुछ अधिकारियों द्वारा बुलाये जाने पर, रांची प्रेस क्लब के ही अधिकारियों के बीच बड़ी ही जोरदार ढंग से अपनी बातें रख रहे थे।

करीब दो घंटे तक वे पत्रकारों को यही समझाने की कोशिश कर रहे थे, कि वे सिर्फ और सिर्फ पत्रकारिता करें, भड़काने का काम नहीं करें। उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा कि आप पत्रकार है, आप पर बड़ी जिम्मेदारी है, आप किसी विशेष संप्रदाय को टारगेट नहीं करें, बल्कि समाज को जोड़ने का काम करें।

उन्होंने हिन्दपीढ़ी में थूक फेंके जाने के मामले का हवाला देते हुए उन पत्रकारों को जमकर खरी-खोटी सुनाई, जो इस मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे थे। उन्होंने कई दृष्टांत दिये, और कहा कि समाज को तोड़ने से किसको क्या मिलेगा? हम समाज को क्यों तोड़ना चाहते हैं? क्या किसी समाज विशेष से इतनी दुश्मनी ठीक है? क्या अखबार, टीवी और इनकी पत्रकारिता, समाज में नफरत फैलाने के लिए हैं?

एम वी राव ने कहा कि अगर कोई पत्रकार, पत्रकारिता कर रहा हैं, तो उससे दिक्कत कहां हैं? उन्होंने कहा कि आप पत्रकारिता करें, राज्य की पुलिस आपके साथ हैं, पर जो लोग ये सोचते हैं कि पत्रकारिता की आड़ में साप्रंदायिकता फैलायेंगे, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देंगे, तो वे जान लें, उनकी पुलिस किसी को भी नहीं छोड़ने जा रही है।

क्योंकि हमारा मकसद हैं, राज्य में बेहतर कानून-व्यवस्था स्थापित करना, कोरोना से लोग त्रस्त हैं,  उनको भरपूर सहायता करना, साथ ही जो इनके सेवा कार्यों में समस्याएं आ रही हैं, उन समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करना, इसलिए सभी मिलकर, अपना-अपना काम करें, न कि समाज को बांटने अथवा सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश करें।