अपनी बात

ए भाई इ लक्ष्मण गिलुवा भी गजबे है, अपने मन में गांधी जी के प्रति कितना मैल भरके रखा है…

ऐ मोदी जी आप अपने पार्टी में भी स्वच्छता अभियान चलाइये, क्योंकि आपके पार्टी में भी कई नेताओं के मन में मैल-कुड़ा-कर्कट जमा हैं, जो अपने देश के महापुरुषों के खिलाफ अल-बल बोल देता है, जिससे आपकी पार्टी और आपका छवि भी धूमिल होता है, जरा देखिये, आपके झारखण्ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अल-बल बोलकर क्या बावेला मचा दिया है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष चल रही है। पूरे देश में महात्मा गांधी के इस 150वीं जयंती पर खुद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विशेष रुचि ले रहे हैं। वे चाहते है कि स्वच्छता के इस पुजारी को उनके 150वीं जयंती के अवसर पर पूरे भारत को स्वच्छ भारत के रुप में पेश कर दें, क्योंकि गांधी के 150वीं जयंती पर इससे बेहतर कोई श्रद्धाजंलि हो ही नहीं सकता।

इसी राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास जब जातीय सम्मेलन में भाग लेते हैं तो गांधी को भी जातीयता में तौलना नहीं भूलते और खुद को गर्व महसूस करते हैं कि वे उस जाति में जन्म लिये, जिस जाति में महात्मा गांधी जन्म लिये, जबकि महात्मा गांधी स्वयं जाति-पांति व छुआछूत के खिलाफ थे। पूरा विश्व आज भी गांधी को महान मानता है, कई वैज्ञानिकों और समाजसुधारकों व राष्ट्र से प्रेम रखनेवालों ने महात्मा गांधी को मानवीय मूल्यों के रक्षक के रुप में स्वीकारा, दो दिन बाद महात्मा गांधी की शहादत दिवस भी है।

और जरा देखिये भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को कि वह अपने मन में महात्मा गांधी के प्रति कितना मैल भर कर रखा है। रविवार को चाईबासा में भाजपा के बूथ स्तर पर आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में देखिये, ये जनाब बोल क्या रहे हैं, वे महात्मा गांधी पर तोहमत लगा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आजादी के समय जब पं. जवाहर लाल नेहरु और मो.  जिन्ना प्रधानमंत्री पद पर दावा करने लगे तो महात्मा गांधी ने एक को हिन्दुस्तान और दूसरे को पाकिस्तान सौंप दिया, ठीक इसी तरह विपक्ष के नेताओं को भी प्रधानमंत्री पद के लिए देश को पांच टुकड़ों में बांटना पड़ेगा, क्योंकि कांग्रेस में राहुल, बंगाल में ममता, यूपी में मायावती और अखिलेश तथा बिहार में लालू यादव प्रधानमंत्री पद के दावेदार है।

यानी घटियास्तर की राजनीति करने के चक्कर में, ये लक्ष्मण गिलुवा भूल गये कि वे किस महापुरुष पर ऐसी घिनौनी टिप्पणी कर रहे हैं, और उन पर देश बांटने का घिनौना आरोप लगाने के बाद उसका क्या रिएक्शन होगा? ऐसे भी जब कोई दल सत्ता में आता है, तो उसका रंग-ढंग बदल ही जाता है, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं, ऐसे में लक्ष्मण गिलुवा ने जो बयान दिया, इस बयान पर कई लोगों को आश्चर्य भी नहीं, क्योंकि ऐसे भी लोग जानते है कि भाजपा महात्मा गांधी को कितना आदर देती है, क्योंकि समय-समय पर महात्मा गांधी के प्रति उनके नेताओं का इस प्रकार का बयान सब कुछ बता देता है कि भाजपा के लिए महात्मा गांधी क्या है?

इधर लक्ष्मण गिलुवा के इस बयान की कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय ने कड़ी आलोचना की है, उनका कहना है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति इस प्रकार की सोच स्पष्ट करता है कि भाजपा महात्मा गांधी को कितना आदर देती है, और वह भी तब, जबकि दो दिनों बाद महात्मा गांधी का शहादत दिवस है। ऐसे में आप कह सकते है कि हाथी के दांत दिखाने को कुछ और खाने को कुछ और हैं, जनता सब समझ रही है और आनेवाले दिनों में, उन्हें लगता है कि राज्य की जनता, भाजपा को उनके किये का दंड अवश्य दे देगी।