महिला कक्षपालों के साथ दुर्व्यवहार करनेवाला कोडरमा मंडल कारापाल निलंबित

अधीक्षक लोकनायक जयप्रकाश नारायण, केन्द्रीय कारा हजारीबाग एवं अधीक्षक मंडल कारा कोडरमा द्वारा प्रथम दृष्टया यह प्रमाणित हो गया है कि मंडल कारा कोडरमा में कार्यरत प्रभारी कारापाल मो. सैय्यद गुलाम दानिश ने कोडरमा मंडल कारा में कार्यरत तीन महिला कक्षपालों के साथ दुर्व्यवहार किया था, जिसके कारण प्रभारी कारापाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, तथा उसे निलंबन अवधि में, बिना विलम्ब किये मुख्यालय अधीक्षक, बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार होटवार रांची के कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह आदेश कारा महानिरीक्षक के आदेश से निर्गत हो चुका है। ज्ञातव्य है, इस मामले को www.vidrohi24.com ने उठाया था।

ज्ञातव्य है कि मंडल कारा कोडरमा की तीन महिला कक्षपालों ने कोडरमा मंडल कारा के कारापाल पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया था, तथा इसकी शिकायत काराधीक्षक कोडरमा, पुलिस अधीक्षक कोडरमा, कारा महानिरीक्षक रांची, महिला समिति रांची तथा मुख्यमंत्री झारखण्ड से पिछले दिनों कर दी थी।

ज्ञातव्य है कि ऐसी ही घटना घाटशिला जेल में भी घटी थी, जब वहां कार्यरत दीपांजलि ने वहां के जेलर अनिमेष चौधरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, मामला मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र तक पहुंचा पर मामले को बड़े ही नाटकीय ढंग से उपर के वरीय अधिकारियों ने दबा दिया था, पर इस मामले में त्वरित एक्शन लिये जाने से मंडल काराओं में कार्यरत महिला कक्षपालों को बल मिला है।

तीनों महिला कक्षपालों सुषमा पन्ना, दिप्ती रजनी टोप्पो और शांता मिंज ने लिखा था कि वे तीनों प्रशिक्षण समाप्ति के बाद मंडल कारा कोडरमा में गत माह पदस्थापित हुई थी। गत् 2 मार्च को रात्रि 9.30 बजे मंडल कारा कोडरमा के कारापाल उनके क्वार्टर में आये, नशे की हालत में गेट पर जोरदार धक्का देते हुए बाहर निकलने को कहा। जब सुषमा पन्ना व दिप्ती बाहर आये तो वे अपने आवास पर उन्हें चलने को कहा, जब दोनों ने इनकार किया तो सस्पेंड करने की धमकी दी थी।

महिला कक्षपालों का कहना था कि जेलर के इस व्यवहार से वे तीनों डरी और सहमी हुई थी, अतः इस पूरे मामले की उचित जांच कर कारापाल पर कार्रवाई की जाय, जिससे उनलोगों की इज्जत आबरु बची रहे, अन्यथा वे तीनों अपने नौकरी से त्याग पत्र दे देंगी।