अपनी बात

लाल झंडे से पटा कोडरमा, CPIML ने दिखाई ताकत, माले नेताओं ने कहा – बदलाव समय की मांग

पूरा कोडरमा लाल झंडे से पटा है। युवाओं की टोलियां हाथों में लाल झंडे लिए, राज कुमार यादव के साथ नामांकन का पर्चा भरने के लिए निकल पड़ी हैं। कोडरमा शहर के लोग भी आश्चर्य में है, पूरा शहर जिधर देखो, उधर ही लाल झंडे और लाल गमछे से पटा है। मार्क्सवादी समन्वय समिति के निरसा से विधायक अरुप चटर्जी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। भाकपा माले प्रत्याशी राज कुमार यादव, विनोद कुमार सिंह समेत अन्य माले नेताओं का समूह युवाओं की टोली देखकर गदगद है, उन्हें लग रहा है कि इस बार दिल्ली दूर नहीं।

अगर भीड़ और युवाओं की टोलियां जीत का पैमाना है तो फिर कोडरमा में जीत किसकी होगी, हमें लगता है कि बताना कोई ज्यादा मुश्किल नहीं है। कोडरमा के लोग कल तक राजद की प्रदेश अध्यक्ष रही अन्नपूर्णा देवी जो आज भाजपा से कैंडिडेट बनी है, उनके अचानक दल परिवर्तन से चकित है, बाबू लाल मरांडी तो एक बार भाजपा के टिकट पर ही कोडरमा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, पर इस बार वे अपने दल झारखण्ड विकास मोर्चा से चुनाव लड़ रहे हैं, तथा महागठबंधन का इन्हें समर्थन भी प्राप्त हैं।

राजकुमार यादव ले-देकर भाकपा माले के प्रत्याशी है, जिसका कोडरमा-गिरिडीह इलाके में व्यापक जनाधार है। कभी भाकपा माले के ही विधायक रह चुके महेन्द्र सिंह चाहते थे कि कोडरमा से भाकपा माले का कोई प्रतिनिधि दिल्ली की दूरी तय करें, वे इसके लिए कई बार संघर्ष भी किये, पर सफलता नहीं मिली। क्या इस बार कोडरमा की जनता भाकपा माले प्रत्याशी को अपना जनप्रतिनिधि चुनेगी? यह सवाल लोगों के मन में घर कर रहा है।

इधर भाकपा माले ने भी इस बार जबर्दस्त तैयारी कर ली है, वह किसी भी हालत में यह मौका गवांना नहीं चाहती, बड़ी संख्या में युवाओं के इस पार्टी के प्रति हो रहे आकर्षण भाकपा माले नेताओं व कार्यकर्ताओं में जोश, उमंग व उत्साह का संचार कर रहे हैं। आज युवाओं की भारी भीड़ को देख भाकपा माले के नेताओं ने जमकर अपनी बाते रखी।

करीब-करीब सारे नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया कि भाकपा माले की लड़ाई, एकमात्र बदलाव के लिए लड़ाई है। यह महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, अकलियतों के अधिकारों के लिए लड़ाई है। सीपीआई एम-एल नेताओं का कहना था कि वे जाति-धर्म की लड़ाई नहीं करते, न इनके नाम पर वोट ही मांगते हैं, हमारी जबान ही सच्ची राजनीति का प्रतीक है। सभी ने कोडरमा के लोगों से अपील की, इस मौके को हाथ से जाने न दें, किसानों और मजदूरों की आवाज दिल्ली तक पहुंचे, इसलिए लाल झंडे को, भाकपा माले को, शोषितों के आवाजों को दिल्ली तक पहुंचाएं।