जरा सोचिये, इसी दौरान आग लग गई या इनके पैर फिसल गये तो क्या होगा?

रांची जंक्शन से सटे पेट्रोल डिपो है, जहां हमेशा ट्रेन के पेट्रोल-डीजल टैंकर आकर लगा करते हैं। यहीं पर आरपीएफ का बैरक भी है तथा आरपीएफ थाना है, पर यहां कार्यरत आरपीएफ के जवान या कर्मी क्या करते हैं? पता ही नहीं चलता।

फिलहाल देखिये, रेलवे के पेट्रोल टैंकर और पेट्रोल चोरों का हाल। ये टैंकर फिलहाल साइड में लगने के लिए तैयार है और इधर जैसे ही पता चलता है पेट्रोल चोरों को कि पेट्रोल टैंकर आकर लग रहा है, ये बड़े ही सुनियोजित ढंग से आक्रमण करते हैं और बड़े-बड़े प्लास्टिक के डब्बे तथा जिसे जो मिला, वो उठाकर चलती ट्रेन से पेट्रोल चुराने में लग जाते हैं।

आश्चर्य इस बात की है कि इसी दौरान ये पेट्रोल से सराबोर हो जाते है, ऐसे में अगर कोई हादसा हो गया या चलती ट्रेन में इनके पैर फिसल गये तो समझ लीजिये, इन पेट्रोल चोरों का क्या होगा? होना तो ये चाहिए कि इस इलाके तक कोई व्यक्ति पहुंचे ही नहीं, पर यहां पेट्रोल चोरों का अब ये इलाका अड्डा बन गया है।

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जब भी आप इधर से गुजरे यानी रांची जंक्शन से पूरब की ओर पावर हाउस रेलवे गेट की ओर पहुंचेगे आपको पता लगेगा कि ये पेट्रोल चोर आराम से रेलवे के पेट्रोल टैंकर या कोयला वैगन का इंतजार करते रहते है, जैसे ही इन्हें ये दिखाई पड़ा, ये काम शुरु कर देते है, पर इस इलाके में आपको एक भी आरपीएफ का जवान सुरक्षा में लगा नहीं दीखेगा। जिस कारण यहां पेट्रोल-डीजल की चोरी सामान्य सी बात हो गई है। कुछ लोग तो यह भी कहते है कि आरपीएफ जवानों की भी इसमें मिलीभगत होती है, पर सच्चाई क्या हैं? कहना मुश्किल है।