अपनी बात

जनता की बदलाव के मिजाज को भांप चुकी JMM 42-45 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को अच्छी तरह से पता है कि राज्य की जनता इस बार बदलाव के मूड में हैं, झामुमो चाहती है कि इस बार राज्य की महत्वपूर्ण विपक्षी पार्टियों के बीच मजबूत गठबंधन हो, इसके लिए वह प्रयासरत भी हैं, और महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रही हैं। हालांकि कांग्रेस, राजद और वामदल भी गठबंधन के अंतर्गत चुनाव लड़ने को तैयार बैठे हैं, पर 81 सीटों वाली इस झारखण्ड विधानसभा में सभी की महात्वाकांक्षा हैं कि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर वे चुनाव लड़े, जिसके कारण महागठबंधन को लेकर थोड़ी बाधाएं आ रही हैं, पर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि ये शुरुआती लक्षण हैं, धीरे-धीरे सारी स्थितियां सामान्य हो जायेगी।

इधर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की केन्द्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के आवास पर हुई, जिसमें सभी झामुमो के शीर्षस्थ नेताओं ने भाग लिया। सभी के चेहरे खिले नजर आये और सभी एक बात पर एकमत थे कि इस विधानसभा चुनाव में झामुमो को अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करानी चाहिए। महागठबंधन को लेकर भी सभी एकमत थे, पर कुछ दलों द्वारा नाहक सीटों के लिए दी जा रही दबाव पर, सभी का कहना था कि दबाव उतना ही बर्दाश्त किया जाय, जितनी सीमा हो, किसी भी हाल में झामुमो को 42-45 सीटों पर अपना दावा नहीं छोड़ना चाहिए।

सभी ने इस बात पर हर्ष भी व्यक्त किया कि इस चुनाव में राज्य की वर्तमान राजनीतिक ताकत को देखते हुए महागठबंधन में शामिल सभी राजनीतिक दलों ने स्वीकार किया कि वर्तमान में झामुमो सत्ता की प्रबल दावेदार हैं, कांग्रेस ने तो हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का कई बार घोषणा भी किया, साथ ही उनका यह भी कहना था कि सत्ता मिलने पर उनकी ओर से हेमन्त सोरेन ही मुख्यमंत्री होंगे।

आज की बैठक को देखकर साफ लगता है कि झामुमो इस बार आर-पार की राजनीति करने में ताकत लगा चुकी है। बैठक में सभी ने राज्य की वर्तमान दुर्दशा के लिए एकमात्र मुख्यमंत्री रघुवर दास को दोषी ठहराया, भाजपा की नीतियों को दोषी ठहराया, साथ ही सभी से लोगों तक यह बात पहुंचाने की भी बात कही गई कि बिना रघुवर दास को मुख्यमंत्री पद से हटाए और बिना हेमन्त सोरेन के सत्ता तक पहुंचाए, झारखण्ड का विकास संभव नहीं।

झामुमो कार्यकारिणी की लंबे समय तक चली बैठक में सभी ने स्वीकार किया, कि जनता का मूड बदलाव के पक्ष में हैं, और इसका फायदा महागठबंधन को मिले, फिलहाल इसी एकसूत्री पर सभी को अपना ध्यान फोकस करना है, झामुमो को अत्यधिक फायदा मिले, महागठबंधन में शामिल सभी लोगों को जीत प्राप्त हो, इसके लिए झामुमो के सारे कार्यकर्ता अभी से ही जी-जान से जुट जाये।

सभी ने यह भी कहा कि इस बार चुनाव आयोग ने 80 उम्र से अधिक आयु के लोगों को वोट डालने के लिए बैलेट पेपर की व्यवस्था करने की ठानी हैं, ऐसे में इसका फायदा झामुमो को प्राप्त हो, इस पर भी अभी से ध्यान देने की जरुरत हैं, बैठक में सभी को अभी से ही बिना किन्तु-परन्तु के चुनाव के इस महायज्ञ में जुटने तथा झामुमो को और मजबूत करने के प्रयास पर काम करने को कहा गया।