अपनी बात

झामुमो ने आर्टिकल 370 की समाप्ति का किया स्वागत पर इसके तरीके पर उठाए सवाल

कल एक रिजनल चैनल ने झूठी खबर चला दी कि झामुमो में आर्टिकल 370 को लेकर बवाल चल रहा हैं, पार्टी दो धड़े में बंट गई है, नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने इस फैसले का विरोध किया है, जबकि झामुमो के एक विधायक कुणाल षाड़ंगी ने केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, जबकि सच्चाई यह है कि आजकल जिसे देखिए वहीं पत्रकार बन गया है और अपना दिमाग लगाकर विभिन्न दलों की बैंड बजाने की कवायद शुरु कर दिया है।

नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन के बयानों को बिना समझे ही, झामुमो की बैंड बजाने की कवायद उक्त चैनल ने शुरु कर दी, जिसकी झामुमो ने कड़ी आलोचना की है, झामुमो का कहना है कि पहले चैनल को चाहिए कि झामुमो के नेता क्या कह रहे हैं, उसे समझे और उसके बाद दिखाएं, न कि टीआरपी के चक्कर में किसी दल के सम्मान के साथ खेल जाये।

जरा उक्त चैनल में प्रसारित समाचार को ध्यान से देखिये, जब हेमन्त सोरेन बयान दे रहे हैं तब उनका बयान “बेहतर होता” से शुरु होता हैं, ये बेहतर होता है ही बता देता है कि नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन के मन में क्या चल रहा हैं, हेमन्त सोरेन का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सभा में संविधान की धारा 370 खण्ड एक को छोड़ वर्णित धाराओं को समाप्त करने के निर्णय को सकारात्मक आलोचना के साथ वे स्वागत करते हैं, अच्छा होता इस दौरान संवैधानिक प्रक्रियाओं एवं परम्पराओं का भी पालन होता, जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी विश्वास में लिया जाता, जिसका ध्यान नहीं रखा गया, जो गलत है।

ठीक इसी प्रकार की प्रतिक्रिया कुणाल षाड़ंगी की थी, उनका कहना था कि किसी भी देश में दो झंडे, दो संविधान, दो प्रधान, दोहरी नागरिकता, आरटीआइ का न होना, विधानसभा का कार्यकाल छः साल होना, सही नहीं ठहराया जा सकता, इसलिए केन्द्र का ये निर्णय बेहतर निर्णय है, कुछ मामलों में हमें देश के साथ एकता भी दिखानी होगी।

ये नहीं कि हम देश से बड़े हो गये। हम इसका स्वागत करते हैं, और केन्द्र के इस निर्णय के साथ है। इधर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्ति में भी सकारात्मक आलोचना के साथ स्वागत की बात कही गई है, जिससे साफ पता चलता है कि जेएमएम में आर्टिकल 370 को लेकर कहीं कोई दुविधा या दो फांड़ नहीं हैं।