राजनीति

केन्द्र सरकार द्वारा विशेष सत्र बुलाने से खफा झामुमो ने मोदी सरकार से पूछा कि क्या अब देश में शासन फेसबुक व ट्विटर के माध्यम से चलेगा, फाइलें अब व्हाट्सएप पर घुमेगी?

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रांची में संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में कहा कि लोकसभा का विशेष सत्र विशेष परिस्थितियों में बुलाया जाता है। वह विशेष परिस्थितियां क्या है, वह बताया भी जाता है। लेकिन देश में यह पहली बार हो रहा है कि वर्तमान की केन्द्र सरकार ने बिना किसी पूर्व सूचना के संसद का विशेष सत्र आहुत कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री अपने ट्विट के माध्यम से संसद के विशेष सत्र आहुत करने की सूचना दे रहे हैं।

मतलब केन्द्र की मोदी सरकार इंडिया गठबंधन से इतनी डरी हुई है कि उसकी हिम्मत नहीं कि वो इस संबंध में कागज तैयार कर इसकी अधिसूचना जारी कर सकें। सुप्रियो ने कहा कि अभी देश में जी-20 की बैठक होने जा रही है। ऐसे में क्या संदेश जायेगा कि अब भारत की संसदीय परम्परा भी समाप्त हो रही है। अब देश में शासन फेसबुक व ट्विटर के माध्यम से चलेगा, फाइलें अब व्हाट्सएप पर घुमेगी।

सुप्रियो ने कहा कि अभी तो इंडिया गठबंधन की मात्र तीन ही बैठकें हुई हैं। पहली बैठक जब पटना में हुई तो उसकी हंसी उड़ाई गई। दूसरी बैठक बेंगलूरु में हुई तो गैस का सिलिण्डर का दाम 200 रुपये कम कर दिया गया। तीसरी बैठक मुंबई में हुई तो लोकसभा की विशेष सत्र बुला लिया गया। आखिर ये सारी घटनाएं क्या बताती है? स्पष्ट है कि केन्द्र की मोदी सरकार व उनका शीर्ष नेतृत्व इंडिया गठबंधन से डरा हुआ है। इस डर में वह संसदीय परम्पराओं को भी नहीं बख्श रहा।

सुप्रियो ने कहा कि अभी तीन बैठक हुई तो ये हालत है, जब चौथी, पांचवी, छठी बैठकें होंगी तो क्या हालत होगा। तब तो ये रणछोड़ दास कहां-कहां पहुंच जायेंगे, ये आनेवाले दिनों में आप सभी देखेंगे। सुप्रियो ने कहा कि आखिर इस पांच दिन के विशेष सत्र में क्या होगा? जब तीन महीने तक मणिपुर जल रहा था तो उन्हें विशेष सत्र बुलाने की याद नहीं आई, उस वक्त कर्नाटक का चुनाव और विदेश यात्रा याद आ रहा था।

सुप्रियो ने कहा कि जब देश-विदेश के अखबार व आर्थिक मामलों के जानकार एक प्रमुख उद्योगपति के खिलाफ लगातार अपनी बातें रख रहे थे, तो इन्हें विशेष सत्र याद नहीं आया। चुप्पी साधे रहे। खुद इन्हीं की गुजरात सरकार ने उसकी गलती पकड़ी, तो ये चुप्पी लगा गये। तो आज विशेष सत्र की जरुरत क्यों आन पड़ी। उन्होंने कहा कि आखिर ये बताये कि पांच दिनो की विशेष सत्र क्यों, कौन सी वो विपदा या कहर बरप गया कि विशेष सत्र बुलानी पड़ रही है।