अपनी बात

झामुमो को मिला कुणाल षाड़ंगी के रुप में एक अच्छा बोलनेवाला नेता, जो सबको बढ़िया से धो डालता है

याद करिये हिन्दुस्तान लीवर लिमिटेड का वो विज्ञापन जो आज से तीस चालीस साल पहले सभी बच्चेबूढ़ेजवानों के जुबां पर होता था, रेडियो खोले नहीं कि लीजिये वो विज्ञापन हाजिर, विज्ञापन था तंदुरुस्ती की रक्षा करता है लाइफब्वाय, लाइफब्वाय हैं जहां, तंदुरुस्ती है वहां, लाइफब्वाय, लाइफब्वाय। जी हा लाइफब्वॉय जो मैल में छिपे कीटाणुओं को धो डालता है।

ठीक उसी प्रकार झारखण्ड मुक्ति मोर्चो को बहुत दिनों के बाद एक तेजतर्रार युवा नेता मिला है, जो अपने विरोधियों को बहुत अच्छी तरह, तार्किक अंदाज में धो डालता है, लोग इसे सुनना चाहते हैं, विधानसभा के अंदर हो या विधानसभा के बाहर, अपने इलाके में हो, या अपने इलाके से बाहर, चैनल के डिस्कशन में हो, या संवाददाता सम्मेलन में, वह अपनी पार्टी की विचारधारा और उसके सम्मान को बड़ी ही ओजस्वी ढंग से रखता है।

दो दिन पहले, जब मुझे किसी पत्रकार ने सूचना दी कि फलां चैनल के डिस्कशन में एक प्रश्नकर्ता ने जब सवाल पूछे तो उस चैनल के एक से अधिक लोगों ने उस प्रश्नकर्ता से माइक छिनने लगे, बाद में वहां हंगामा हुआ, लोग उठकर चल दिये, तब हमने इस समाचार का अवलोकन करना प्रारम्भ किया, तो मुझे इसी में एक दो समाचार और मिल गये, एक था रेसिडेन्ट एडिटर का बिना दिमाग का किया सवाल, जिसको लेकर मैं चर्चा कर चुका हूं, और दूसरा झामुमो का यह बहरागोरा विधायक कुणाल षाड़ंगी का जवाब देने का ढंग, क्या जवाब देता है भाई। प्रश्न पूछनेवाले और वहां मौजूद लोगों के दिमाग की बत्ती ही बंद।

इससे पहले झामुमो मुख्यालय में कुछ दिन पहले इस बंदे ने सुप्रियो भट्टाचार्य के साथ संवाददाता सम्मेलन किया, कमाल है कुणाल षाड़ंगी ने बड़े ही तार्किक ढंग से पीएम मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास की हवा निकाल दी, और जब पत्रकारों ने सवाल किये तो उसका भी बेहतरीन ढंग से जवाब दिया। हम कह सकते है कि क्रिकेट में जिस प्रकार महेन्द्र सिंह धौनी ने अपना कमाल दिखाया, निःसंदेह राजनीति में कुणाल षाड़ंगी बेहतर करेगा, अगर वो अन्य राजनीतिज्ञों की तरह पाला बदलनेवाली बीमारी में लिप्त हो।

ऐसे हम आपको बता दें कि समय या प्रकृति, कब क्या करेगा, किसलिये करेगा, देश समाज के फायदे के लिए करेगा या उससे नुकसान हो जायेगा, मैं कुछ चीजों को वक्त पर छोड़ देता हूं, क्योंकि आपके चाहने या चाहने से वक्त को कुछ नहीं फर्क पड़ता हैं, वह कर देता हैं, करा देता है, और आप उस वक्त के शिकार हो जाते हैं, आपको लगता कि आपने सही या गलत फैसला लिया, पर ऐसा होता नहीं है। 

हम चाहेंगे कि ये कुणाल षाड़ंगी राजनीति में बेहतर करें, अच्छा मुकाम हासिल करें, तथा देश को उसका लाभ मिले। हम चाहेंगे कि इसी प्रकार हर पार्टियों में अच्छेअच्छे युवाओं का राजनीतिक प्रादुर्भाव हो, जिससे भारत और झारखण्ड का भविष्य सुंदर हो। इससे ज्यादा मैं कुछ कह भी नहीं सकता। कुणाल षाड़ंगी को विद्रोही24. कॉम की ओर से विशेष शुभकामनाएं।