राजनीति

परिवारवाद की पर्याय बन चुकी JMM-CONGRESS पार्टियां अपने चरखे में तेल डाले, भाजपा की चिन्ता छोड़े – कुणाल

झामुमो द्वारा भारतीय जनता पार्टी पर दूसरे दलों के लोगों को सम्मान दिए जाने वाले बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। झारखण्ड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने झामुमो नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि झामुमो अपने दल के कार्यकर्ताओं की चिंता करें। कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड सरकार में कई बोर्ड एवं आयोग के रिक्त पदों पर कार्यकर्ताओं को डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी सम्मान ना दिए जाने पर झामुमो से सवाल किया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन कर झामुमो भी परिवारवाद की राजनीति को आगे बढ़ाने में लगी हुई है। श्री षाड़ंगी ने कहा कि सरकार में विधायक और मंत्री में असंतोष खुलकर सामने आ रहा है। पदाधिकारी विधायकों की बात नही सुनते हैं। झारखंड सरकार का मंत्रिमंडल कही दिखाई नही देता है। आजतक मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को छोड़कर तीसरे मंत्री को जनता देखी तक नही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल पर सवाल करना झामुमो नेताओं की जानकारी के अभाव को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में योग्यता और अनुभव को प्राथमिकता दी गयी है। कैबिनेट विस्तार के बाद से लोग इसे अब तक की सर्वश्रेष्ठ कैबिनेट की उपाधि दे रहे हैं, जहां 13 वकील, छह डॉक्टर, पांच इंजीनियर, सात पूर्व सिविल सेवक और केंद्र सरकार में अनुभव वाले 43 मंत्रियों सहित विशिष्ट योग्यताओं का एक उदार मिश्रण देखने को मिला है। जबकि शिक्षा की बात करें तो इनमें 7 पीएचडी किए हुए और 3 एमबीए डिग्रीधारी भी हैं। ऐसे में उन्होंने झामुमो नेताओं को अपने चरखे में तेल डालने की नसीहत दी है।

उन्होंने कहा कि झामुमो-कांग्रेस के नेता दूसरे दलों की चिंता में लगे हैं। चार दिनों तक इंतज़ार के बाद भी राज्य के मुख्यमंत्री को सोनिया गांधी के दरबार में समय नहीं मिलता है। आख़िर तथाकथित आंदोलनकारी पार्टी को उनके दरबार में अपना सम्मान गिरवी रखने की क्या मजबूरी है? कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झामुमो के जो महासचिव अपना बयान दे रहे उनका इतिहास भी झामुमो कार्यकर्ता जानते हैं।कैसे आज आन्दोलनं के कार्यकर्ता किनारे हैं और वे सबके ऊपर हावी हैं?

उन्होंने कहा कि सत्ता प्राप्ति केलिये झूठे वादे करने वाले को अपने वादे याद करने चाहिये। अगर उसके लिये झामुमो मेहनत करता तो ज्यादा लाभ राज्य की जनता को मिलता। परंतु इन्हें जनता की सेवा से कुछ भी लेना देना नही। राज्य सभा के टिकटों की बोली लगाने वाले, आन्दोलन को गिरवी रखने वालों से, राज्य के खनिज संसाधन को लुटवाने वालों से राज्य का भला नही हो सकता। उन्होंने कहा कि आदिवासी हित की बात करने वाले लोग रूपा तिर्की की हत्या में उसके माता पिता को भटका रहे, प्रताड़ित भी कर रहे। श्री षाड़ंगी ने झामुमो को जनता के वादों को पूरा करने की सलाह दी।