झारखण्ड के CM रघुवर ने ईद को राष्ट्रीय पर्व मान लिया, क्या PM मोदी व RSS के लोग भी इसे स्वीकार करेंगे?

लीजिये ईद राष्ट्रीय पर्व हो गया, यह मैं नहीं कह रहा, ये राज्य के अति होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास कह रहे हैं। आज रांची के कडरु में हज हाउस के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने यह बात कह दी, जबकि सारा देश ही नहीं, बल्कि बच्चा-बच्चा जानता है कि भारत में सिर्फ तीन ही राष्ट्रीय पर्व है – एक स्वतंत्रता दिवस, दूसरा गणतंत्र दिवस और तीसरा गांधी जयंती, पर राज्य के अति होनहार मुख्यमंत्री को पता रहे तब तो।

ऐसे भी उनको इन सभी चीजों से क्या मतलब हैं? इनका तो सीधा फंडा है, जो मन में आये बोल दो, चाहे ईद को राष्ट्रीय पर्व ही क्यों न बोलना पड़ जाये। ऐसे भी हमारे मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद को देश का सर्वाधिक महान और होनहार नेता समझते हैं, उन्हें क्या पता कि पन्द्रह अगस्त, 26 जनवरी और गांधी जयन्ती को राष्ट्रीय पर्व क्यों कहा गया है? और न ही उन्होंने कभी ये जानने की कोशिश की, हालांकि पन्द्रह अगस्त और 26 जनवरी को इन्होंने खूब झंडे फहराये हैं, और राज्य की जनता को संबोधित किया हैं, साथ ही गांधी जयन्ती पर खूब गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किये हैं।

आज हज हाउस के उद्घाटन के अवसर पर, वे भाषण देने में इतने बह गये कि उन्होंने ईद को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दे दिया, जरा देखिये वे कह क्या रहे हैं “इस राष्ट्रीय पर्व ईद का पर्व जहां एक महीना इस तपती धूप में आप अपने परिवार, अपने राज्य, अपने देश की सुख-समृद्धि के लिए जो इस पवित्र महीने में उपवास किये, आपको ईद के इस महान पर्व पर ढेर सारी शुभकामनाएं, ये राष्ट्रीय पर्व हमारे संस्कृति के स्तंभ होते हैं।”

अब सवाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से क्या आप भी मानते है कि ईद राष्ट्रीय पर्व है, आपके द्वारा पोषित एवं संरक्षित राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास तो मानते हैं, तभी तो उन्होंने ईद को राष्ट्रीय पर्व कह डाला और जब ईद राष्ट्रीय पर्व है तो प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी आप दोनों ही बताइये कि इस राष्ट्रीय पर्व पर आप दोनों का क्या-क्या कार्यक्रम हैं, साथ ही जब ईद आपलोगों के अनुसार राष्ट्रीय पर्व हैं, तो फिर हिन्दुत्व की बात करनेवाले आपलोग यह भी बताएं कि दिपावली, रामनवमी, कृष्णजन्माष्टमी, होली, दशहरा राष्ट्रीय पर्व क्यों नहीं?

सवाल तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी है, क्योंकि उन्हीं की एक राजनीतिक इकाई है, भारतीय जनता पार्टी। आज उन्हीं के नेता दिल खोलकर ईद को राष्ट्रीय पर्व बता रहे हैं, तो क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इस बात को मानती है कि उनके नेता जो बोल रहे हैं, वे सही है, और ईद राष्ट्रीय पर्व हो गया, अगर नहीं तो फिर रघुवर दास के इस वक्तव्य पर संघ का रवैया क्या होगा?

सच्चाई तो यही है कि पर्व दो प्रकार के होते हैं – एक सांस्कृतिक और दूसरा राष्ट्रीय। सांस्कृतिक पर्व धर्म एवं संस्कृति आधारित होते हैं, जिसमें एक खास जाति, धर्म या समुदाय के लोग हिस्सा लेते हैं, जबकि राष्ट्रीय पर्व एक ऐसा पर्व होता हैं, जिसमें देश के सभी जाति, धर्म एवं समुदाय के लोगों को देशभक्ति की भावना से जुड़ना होता है। जैसे होली, ईद, क्रिसमस एक धर्म अथवा समुदाय से संबंधित हैं, इसलिए यह सांस्कृतिक पर्व हो सकता है, पर राष्ट्रीय पर्व नहीं। ऐसे में अपने राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास को कौन समझाएं?