अपनी बात

जय हो टाइगर महराज की, जब हरे रंग का पोशाक और हरे रंग का स्कूल का प्रबंध कर ही लिया, तो लगे हाथों तीर-धनुष वाला बैज भी बंटवा दीजिये

जय हो राज्य के शिक्षा मंत्री की, जय हो जगरनाथ महतो की, जय हो राज्य के टाइगर की, लगे हाथों मंत्री के दिल-दिमाग में छाये इस सुंदर विचार की, कितने सुंदर ख्याल इनके जेहन में आया है, राज्य के छठीं से लेकर बारहवीं तक के छात्रों का पोशाक अब हरे रंग का होगा, सरकारी स्कूलों का रंग रोगन अब हरे रंग से किया जायेगा।

ये होना भी चाहिये, क्योंकि पता कैसे चलेगा कि राज्य में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की सरकार है, पूरा माहौल हरा-हरा कर देना है, क्योंकि जैसे ही बच्चा स्कूली शिक्षा से बाहर निकले, उसे हरा झंडा थामने में देर न लगें, झामुमो का कार्यकर्ता बनने में देर न लगे।

हम तो कहेंगे कि लगे हाथों जगरनाथ महतो उर्फ टाइगर महराज को इस पर भी तुरन्त विचार करना चाहिये कि स्कूली शिक्षा प्राप्त करनेवाले छात्र-छात्राओं को एक बैज भी उपलब्ध हो, जिसमें झामुमो का चुनाव चिह्न तीर-धनुष लगा हो, ताकि बच्चा को समय आने पर जब मतदान केन्द्र तक पहुंचने की बारी आये तो सीधे अपना स्कूली बैज को ध्यान में रखकर तीर-धनुष पर बटन दबाने में उसे तनिक देर न लगे।

जब कोई पूछे या सवाल उठाये कि सरकार ने बैज पर तीर-धनुष क्यों दिखाया तो टाइगर महराज प्रसन्न होकर बोले कि चूकि पूर्व में विभिन्न आश्रमों में गुरुजन या आदिवासियों का प्रिय विद्या धनुर्विद्या ही हुआ करता था, इसलिए राज्य की लोकप्रिय हेमन्त सरकार और उनके महान युग द्रष्टा टाइगर महाराज ने तीर-धनुष को ही बैज में प्राथमिकता दे दी।

अब जरा सोचिये राज्य के बच्चे हरे रंग के स्कूल में, हरी रंग की पोशाक पहन, तीर-धनुष का बैज लगाकर पहुंचेंगे या अपने गांव-घर से निकलेंगे तो कितना सुंदर वातावरण दिखेगा, राज्य की विद्या भाड़ में जाये, उससे हमें क्या मतलब हमें तो हरा-हरा पूरे राज्य को कर देना हैं।

इसलिए हमने जब से सुना है कि राज्य के सर्वाधिक होनहार मानव संसाधन मंत्री जगरनाथ महतो उर्फ टाइगर महराज ने हरा रंग पर ध्यान देकर बच्चों को हरी पोशाकें व स्कूलों को हरे रंग से पुतवाना शुरु करने का फैसला किया हैं, मन करता हैं कि उनका माथा चूम लूं, सचमुच ऐसा विद्वान मानव संसाधन मंत्री मैनें कभी नहीं देखा और न ही भविष्य में देख पाउंगा। जय हो झारखण्ड की, जय हो टाइगर महराज की, जय हो इस सोच की।