अपनी बात

शिल्पा शेट्टी को सबसे पहले रांची नगर निगम का इज्जत का कचड़ा निकालना चाहिए

रांची के चुटिया स्थित पावर हाउस से आलू गोदाम जाने का रास्ता। रांची नगर निगम ने जहां कुड़ा फेंका जाता है, वहीं पर दो होर्डिंग लगाये हैं। एक होर्डिंग में लिखा है – लेट्स मेक द राइट च्वाइस एंड यूज डस्टबिन। इसी होर्डिंग में हिंदी में लिखा है – अपना शहर को स्वच्छ रखने और स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने में अपना योगदान दें, स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 और दूसरे होर्डिंग में दो-दो डस्टबिन दिखाये गये है – एक सूखा कचड़ा के लिए और दूसरा गीला कचड़ा के लिए। पहले होर्डिग की तरह स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 भी लिखा है और साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि कृपया डस्टबिन में ही कूड़ा डाले नहीं तो शिल्पाजी, आपको भी क़ॉल कर सकती है, और आपकी इज्जत का हो जायेगा कचड़ा। इस होर्डिंग में सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के चित्र भी दिये गये है।

और जब नीचे यानी सड़क पर जहां कचड़ा फेंका जाता है, वहां नजर अगर आप दौड़ायेंगे या उसके आस-पास नजर दौड़ायेंगे तो आपको कही भी कचड़ा पेटी या डस्टबिन दिखाई नहीं पड़ेगा। अब सवाल उठता है कि जब डस्टबिन ही नहीं रहेगा तो लोग कचड़ा डस्टबिन में कैसे डालेंगे? और जब  रांची नगर निगम डस्टबिन उपलब्ध ही नहीं करायेगा तो फिर ऐसे होर्डिंग का क्या मतलब?  जिसमें सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी द्वारा किसी की इज्जत की कचड़ा निकालने की बात कहीं जा रही है।

सर्वप्रथम तो रांची नगर निगम को उन हर स्थानों पर कचड़ा पेटी उपबल्ध करानी चाहिए, खासकर वहां जहां शिल्पा शेट्टी द्वारा इज्जत का कचड़ा निकालने की बात कहीं जा रही हैं, हालांकि इस प्रकार के विज्ञापन समाज हित में नहीं कहे जा सकते पर आजकल दबंगई विज्ञापन भी खुब चल रही हैं, जिसका प्रभाव यहां भी देखने को मिल रहा है। हमें लगता है कि शिल्पा शेट्टी को इज्जत का कचड़ा किसी का निकालने के पहले नगर निगम से ही सवाल पूछने चाहिए कि क्या आपने हमारी इस होर्डिंग लगाने के पहले कचड़ा पेटी या डस्टबिन उपलब्ध कराये हैं, और अगर नहीं कराये हैं तो किसकी इज्जत का कचड़ा निकलनी चाहिए ये शिल्पा शेट्टी ही बताएं तो ज्यादा बेहतर होगा।