राजनीति

लगता है सारी बुद्धि, ईश्वर ने भाजपाइयों के खाते में फिक्स डिपॉजिट कर दी हैं

आप माने या माने, पर भारत में एक पार्टी है, जिसका नाम हैं, भारतीय जनता पार्टी। इस पार्टी में शामिल नेताओं को लगता है कि दुनिया में अगर सर्वाधिक कोई बुद्धिमान दल या नेता हैं तो वह है भारतीय जनता पार्टी और इसमें शामिल सभी नेता, बाकी सभी पार्टियां और उसमें शामिल सारे के सारे लोग आला दर्जे के मूर्ख, उच्च कोटि के बेवकूफ हैं। जरा ताजा मामला देखिये, जब से उन्हें झारखण्ड में राज्यसभा की एक सीट पर हार का स्वाद चखने को मजबूर होना पड़ा है, तब से उन्हें नींद ही नहीं आ रही, सोते- जागते उन्हें ताजी-ताजी मिली हार ने बेचैन कर रखा है, और इसी बेचैनी में उन्होंने कल अपने प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेस रख दिया।

प्रेस कांफ्रेस में इनके नेता दीपक प्रकाश और विधायक अनन्त ओझा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि चूंकि चुनाव के पूर्व ही अमित महतो एक मामले में दोषी करार दिये जा चुके थे, राज्यसभा चुनाव के दिन उनको दो साल की सजा सुनाई गई, इससे उनकी विधायकी समाप्त हो गई, ऐसी परिस्थिति में उनका मत वैध नहीं होना चाहिए। इन दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि अमित महतो का कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में वोट करना पीआर एक्ट की धारा 8(3) का उल्लंघन है, अमित महतो का वोट अमान्य होने पर धीरज साहू को केवल 25 वोट ही मिलेंगे, ऐसे में उनकी पार्टी के प्रदीप सौंथालिया की जीत सुनिश्चित है।

कमाल है, ये परम ज्ञान भाजपा के नेताओं को मतगणना शुरु होने तक नहीं आया, ये परम ज्ञान कब आया, जब ये सुनिश्चित हो गया कि प्रदीप सौंथालिया चुनाव हार गये हैं, तब आया। ये जब झाविमो के एक विधायक प्रकाश राम का स्वहित में क्रास वोटिंग करवा लेते हैं, तो इन्हें अपनी ओर से की जा रही अनैतिकता का ज्ञान नहीं होता, पर दूसरे से नैतिक होने की कल्पना करते हैं। है न कमाल।

और कमाल की बात यह भी है कि, अभी स्पीकर ने अमित महतो के विधायकी खत्म होने की अधिसूचना जारी भी नहीं की, पर ये मान गये कि अमित महतो विधायक नहीं हैं, कमाल इस बात की भी है कि जब अमित महतो ने वोट कास्ट किया था, तब कोर्ट ने सजा भी नहीं सुनाई थी, बल्कि दोषी करार दिया था, ऐसे में अमित महतो को कितनी साल की सजा होगी, क्या ये भाजपा को मालुम हो गया था, और जब मालुम हो गया था तब अमित के वोट कास्ट करने के समय भाजपाइयों ने आपत्ति दर्ज क्यों नहीं कराई? जो पार्टी झाविमो के कई विधायकों को लालच देकर अपने में शामिल कर ली हो, और जिस पार्टी में शामिल होकर झाविमो के ही विधायक जो मंत्री भी बन चुके हैं, जो भरी सभा में ये कहते है कि वे भाजपा के लोगों के तेल लगाने नहीं जायेंगे, अब भाजपावाले खुद तेल लगाने उनके पास आयेंगे, ऐसे नेताओं के बारे में भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं का क्या ख्याल है?

अरे भाजपाइयों थोड़ा सा भी शर्म करों, क्योंकि कुछ ही महीने की बात है, ये क्यों भूल जाते हो, कि तुम्हें जनता की अदालत में जाना हैं, जब जनता की अदालत में जाओगे तो तुम्हारा क्या हाल होगा? कभी कल्पना की है, अगर नहीं तो थोड़ा राज्यसभा चुनाव मामले पर ही, तुम्हारे बारे में आम जनता क्या सोच रही हैं, जरा जनता के बीच घूम आओ, तो पता लग जायेगा।