अपनी बात

नहीं सुधर रहा IPRD, फिर किया गलत काम, जेसोवा का निमंत्रण-समाचार अपने साइट से किया जारी

आज यानी 20 सितम्बर को, झारखण्ड के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने जेसोवा(आइएएस ऑफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन) रांची की ओर से आज ही, दिन के 4.30 बजे, आइएएस क्लब, दीन दयाल नगर, बूटी रोड में आयोजित प्रेस कांफ्रेस का मेल द्वारा रांची की प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया को निमंत्रण पत्र जारी किया और आज उसकी फोटो समेत समाचार भी आइपीआरडी की साइट से जारी कर दी

जिसकी चर्चा राज्य और केन्द्र स्तर तक बड़े पैमाने पर हो रही हैं। जो समाचार से जुड़े लोग हैं या बुद्धिजीवी हैं, उनके लिए यह चर्चा का विषय है कि क्या किसी राज्य का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पत्नियों की सेवा के लिए अपने प्लेटफार्म का उपयोग कर सकता है? कुछ लोग इस गतिविधि पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों की हंसी उड़ा रहे हैं, तो कई ऐसे भी हैं जो यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि यह कैसा राज्य है, कौन हैं इस विभाग का मंत्री या प्रधान सचिव, जो इस प्रकार की हरकत को जन्म दे रहा है?

बुद्धिजीवियों का कहना है कि केन्द्र हो या राज्य सभी जगह का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का यही कार्य होता है कि वह केन्द्र या राज्य की विभिन्न योजनाओं सरकार की क्रियाकलापों को जनजन तक पहुंचाना, कि अधिकारियों की पत्नियों के लिए बनाई गई किसी संस्था की जीहुजूरी में लग जाना।

आश्चर्य की बात है कि इस राज्य में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है, इसके विभागीय सचिव एवं मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल है, लेकिन किसी ने इस नये प्रचलन को खत्म करने का प्रयास नहीं किया, बल्कि ये दोनों बढ़ावा ही दे रहे हैं, इसके पहले भी जेसोवा की ओर से बहुत से कार्यक्रम आयोजित, इस राज्य की राजधानी रांची में हुए, जब सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के प्रधान सचिव पद पर अमित खरे, सुखदेव सिंह, मस्तराम मीणा, संजय कुमार आदि अधिकारी थे, पर इन अधिकारियों के समय कभी भी ये गलत कार्य नहीं हुए। 

पर सुनील कुमार बर्णवाल के आने के बाद, इस प्रकार का प्रचलन बढ़ा, जो मर्यादा के प्रतिकूल है। ऐसे भी झारखण्ड के आइएएस अधिकारियों के दिव्य कार्यों की चर्चाएं पूरे देश में हो रही हैं, हाल ही में आइपीआरडी द्वारा पत्रकारों को 15-15 हजार रुपये देने तथा अपनी जयजयकार कराने का प्लान भी चर्चा में रहा, पर विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन सब का इन लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि फर्क उसको पड़ता है, जिसे सम्मान की फिक्र हो।

जरा देखिये, आज का आइपीआरडी से जारी, इस प्रेस विज्ञप्ति को जिसे टीम पीआरडी के द्वारा जारी किया गया। सूत्र बताते है कि सीएमओ में कार्यरत जैसे ही एक अधिकारी अजय नाथ झा से लोगों को हरी झंडी मिली, विभागीय कर्मचारियों ने इसे आइपीआरडी की साइट से जारी कर दिया।

ज्ञातव्य है कि जेसोवा ने 17-21 अक्टूबर को दीवाली मेला, मोराबादी मैदान, रांची में आयोजित करने का फैसला लिया है। आइपीआरडी ने अपने साइट पर इसे जारी किया है, जिसका प्रेस विज्ञप्ति संख्या 656 है। दो पृष्ठों का यह समाचार आइपीआरडी से जारी हुआ, जिसे कल रांची के सारे समाचार प्रमुखता से छापेंगे, क्योंकि यहां के अखबारों को भी हिम्मत नहीं कि आइएएस अधिकारियों की पत्नियों को नाराज कर दें, क्योंकि जैसे ही ये नाराज करेंगे, इनको मिलनेवाला विज्ञापन प्रभावित हो जायेगा। 

सूत्र बताते हैं कि कुछ अखबार तो पहले से ही आज स्थान इसके लिए सुरक्षित कर दिये हैं, विभाग के वरीय अधिकारियों का फोन भी संपादकों तक पहुंच गया है, संपादकों ने अपनी सहमति भी दे दी हैं, यानी गलत कार्यों पर अंगूलियां नहीं उठायेंगे, जो सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग करायेगा (चाहे वह गलत या नियम के प्रतिकूल ही क्यों हो), करते चले जायेंगे। ये हैं रांची, ये है रांची का सूचना भवन स्थित सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का कृत्य और ये है राज्य के मुख्यमंत्री के विभाग का असली हाल।