मैं CM रघुवर हूं, PM मोदी की बात नहीं मानूंगा, मैं भी ममता बनर्जी की तरह, अपने विरोधियों को जेल भेजूंगा

एक बार फिर पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन पढ़िये, जो उन्होंने बंगाल की एक चुनावी सभा में 15 मई 2019 को कहा था, जब एक भाजपा कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा को प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ भद्दी तस्वीर बनाने के जूर्म में गिरफ्तार कर लिया गया था, जरा देखिये पीएम नरेन्द्र मोदी क्या बोल रहे हैं –

“एक तस्वीर के लिए इतना गुस्सा, आप तो आर्टिस्ट हैं, पेंटिंग करती हैं, चित्रकार भी हैं, सुना है नारदा-शारदा का नाम जपते-जपते आपकी पेंटिंग करोड़ों में बिक जाया करती हैं, मैं आज इस मंच से, बंगाल की धरती से आपसे आग्रह करुंगा, आपका गुस्सा ठंडा करने के लिए, आप भद्दा से भद्दा, गंदा से गंदा मेरा चित्र बनाइये, आप जरुर बनाइये, और 23 मई के बाद मेरा पीएम का शपथ ग्रहण हो जाने के बाद वह भद्दी से भद्दी तस्वीर मुझे भेंट करिये, मैं उसे प्यार से स्वीकार करुंगा, जिंदगी भर उसे अपने पास रखुंगा और आपके खिलाफ एफआइआर नहीं करुंगा।”

यानी एक भाजपा कार्यकर्ता जो उटपुटांग हरकत करता हैं या करती हैं, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए कितना दर्द झलका, और यहीं काम जब कोई दूसरे दल के कार्यकर्ता इनके लोगों के खिलाफ करते हैं तो भाजपा के मुख्यमंत्री और उनसे जुड़े लोग कैसी हरकते करते हैं, वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पता नहीं होता, शायद उन्हें लगता है कि उनकी पार्टी द्वारा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तो साक्षात भगवान के दूसरे रुप हैं, वे ऐसी हरकते कर ही नहीं सकते। जबकि बंगाल के ही बगल में झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चित्र बनानेवालों या उनके चित्र शेयर करनेवालों की क्या दशा होती है, वो तो शिशिर ठाकुर जैसे भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता और तीर्थनाथ आकाश जैसे युवा तुर्क नेता ही जानते हैं।

इधर नया मामला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ा हैं, वह भी तब जब पीएम नरेन्द्र मोदी का इस प्रकार का बयान आ चुका है कि वे इन सभी चीजों पर ध्यान नहीं देते, विद्रोही 24.कॉम को लगा कि शायद पीएम मोदी के इस ज्ञान की बातों का असर राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास पर पड़ेगा, लेकिन हमें लगता है कि इन पर कोई असर नहीं हैं।

ताजा समाचार धनबाद से हैं, जहां झारखण्ड राज्य यूथ कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अभिजीत राज को धनबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, उन पर आरोप है कि उन्होंने एक ऐसे फोटो को अपने फेसबुक पर अपलोड किया, जिससे सीएम की प्रतिष्ठा को आघात लगा है, बताया जाता है कि वो फोटो कई जगह वायरल हो चुका है, जैसे ही सीएम रघुवर दास से जुड़े उनके समर्थकों जो धनबाद से रांची तक उनके आवास तक जुड़े हैं।

उन्हें बहुत ही बुरा लगा और इसकी शिकायत सीएम हाउस तक कर दी, और फिर जो होता है, वो हो गया, आनन-फानन में अभिजीत राज को गिरफ्तार कर लिया गया, थाने में बिठाया गया, पीआर बांड भरवाया गया, उसके बावजूद भी उसे छोड़ा नहीं गया, उपर से आदेश की प्रतीक्षा थी कि इन्हें पीआर बांड पर छोड़ा जाय, या सीधे जेल भेजकर इनकी अकड़ भूला दी जाये।

मतलब कैसे यहां पुलिस काम कर रही हैं, कैसे यहां शासन चल रहा है, उसकी बानगी है, ये घटना। कमाल है, एक ओर पीएम ऐसी-ऐसी घटनाओं पर ध्यान नहीं देने की बात करते हैं, और दूसरी तरफ जो पीएम मोदी के आस-पास भटकने की भी जिनकी औकात नहीं, वे अपने झूठे सम्मान को इस तरह से जोड़ लिया है, जैसे लगता है कि उनके खिलाफ बोलने की किसी को औकात ही नहीं।

राजनैतिक पंडितों की माने तो जो लोग शीर्ष पर हैं, खासकर मुख्यमंत्री और उनसे जूड़े लोगों को इन सभी चीजों से बचना चाहिए, तथा अपना दिल बड़ा रखना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें नुकसान छोड़ फायदा नहीं, पीएम मोदी चूंकि जनता की नब्ज को जानते है, इसलिए उन्होंने बड़ा दिल दिखाया था तथा 15 मई को बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक प्रकार की सीख दी, पर वो सीख केवल बंगाल की ममता बनर्जी को ही नहीं थी, ये सीख थी उन सारे लोगों को थी, जो राजनीति में हैं, जनता से जुड़े हैं, क्योंकि संकुचित मानसिकता से आप न तो अपना भला कर सकते हैं और न ही दूसरे का, पर मुख्यमंत्री रघुवर दास के मन-मस्तिष्क में ये बात समझ में आयेगी, कहा नहीं जा सकता।