छात्राओं को रोड शो में शामिल करने के मुद्दे पर गिरिडीह DC ने भाजपा जिलाध्यक्ष से मांगा स्पष्टीकरण

गिरिडीह उपायुक्त ने भाजपा जिलाध्यक्ष को पत्र लिखकर दो दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण जिला प्रशासन को सौंपने को कहा हैं। गिरिडीह उपायुक्त ने पत्र में लिखा है कि विभिन्न समाचार पत्रों/सोशल मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन के संज्ञान में यह जानकारी आई है कि दिनांक 23 अक्टूबर 2019 को कार्मल स्कूल के पास स्कूली छात्र-छात्राओं को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा भाजपाई टोपी व पट्टा पहने रोड शो के दौरान पंक्तिबद्ध कराया गया।

इससे संबंधित फोटो भी प्रकाशित हुए। जिसको लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने उक्त तथ्यों की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई। जिला प्रशासन ने इस संबंध में जिलाध्यक्ष भाजपा को यह अवगत भी कराया कि यह कृत्य भारत निर्वाचन आयोग एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा वर्णित प्रावधानों के भी प्रतिकूल है। इसी क्रम में प्रारम्भिक जांच जिला शिक्षा अधीक्षक गिरिडीह एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी गिरिडीह से कराई गई।

दोनों के द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि वर्णित मामले में किसी भी सरकारी एवं निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को रोड शो में भाग लेने के लिए किसी भी तरह का विद्यालय या विभागीय स्तर पर आदेश निर्गत नहीं किया गया हैं। इसका मतलब है कि इस प्रकार के कृत्य में आपकी संलिप्तता है। उपायुक्त ने भाजपा के जिलाध्यक्ष से इस संबंध में दो दिनों के अंदर अपनी बातें रखने को कहा गया है कि क्यों नहीं उनके विरुद्ध The Juvenile Justice (Care and Protection of Children Act 2015) के तहत कार्रवाई की जाय।

हालांकि जिला प्रशासन ने इस संबंध में संज्ञान लिया, इसको लेकर पूरे गिरिडीह में जिला प्रशासन की प्रशंसा हो रही हैं, लोगों का कहना है कि इससे बच्चों को राजनीतिक कार्यों में संलिप्त करनेवाले लोगों पर अंकुश लगेगा। पर कुछ लोगों ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि जिला प्रशासन भाजपा जिलाध्यक्ष पर इस मामले को लेकर कार्रवाई करेगा, इसकी संभावना दूर-दूर तक नहीं दिखती, क्योंकि पानी में रहकर मगर से वैर, करने की हिम्मत जिला प्रशासन में नहीं, वह भी तब जब राज्य में भाजपा का शासन हो।