अपनी बात

EX-CM रघुवर के खासमखास व विवादास्पद CID ADG अनुराग को CM हेमन्त ने किया सस्पेंड, BJP के लिए काम करने का था आरोप

आखिरकार, राज्य के नये मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के सीआइडी एडीजी अनुराग गुप्ता को सस्पेंड कर ही दिया। सत्ता परिवर्तन के बाद, एक-एक कर विवादास्पद व दागी आइएएस व आइपीएस पर राज्य सरकार की गाज गिर रही है और ऐसे लोगों को एक-एक कर उन्हें उचित स्थान पर भेजा जा रहा है। पूर्व में सुनील कुमार बर्णवाल, राहुल पुरवार जैसे आइएएस और अब अनुराग गुप्ता जैसे आइपीएस के उपर गिरी गाज सब कुछ कह दे रही है।

ऐसे भी जिस दिन हेमन्त सरकार सत्ता में आई थी, किन-किन आइएएस व आइपीएस पर गाज गिरेगी, इसका पता उन आइएएस व आइपीएस को भी पता चल गया था, जो संवैधानिक प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाकर भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे थे, जिसमें पूर्व डीजीपी डी के पांडेय भी शामिल हैं, ये जनाब तो अवकाश ग्रहण करने के बाद बजाप्ता भाजपा में शामिल हो गये और भाजपा से चुनाव लड़ने का मन भी बना लिया था, टिकट के लिए परेशान भी थे, पर ये संभव नहीं हो सका।

इधर सीआइडी एडीजी अनुराग गुप्ता को आज सस्पेंड कर दिया गया। अनुराग गुप्ता 1990  बैच के आइपीएस है। इन पर 2016 के राज्यसभा चुनाव में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था। निर्वाचन आयोग ने तो इन्हें लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हें राज्य से बाहर रहने का दिशा-निर्देश भी जारी किया था। चुनाव आयोग ने तो इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था। ज्ञातव्य है कि अनुराग गुप्ता के खिलाफ रांची के जगन्नाथपुर थाने में आइपीसी की धारा 171बी और 171 के तहत प्राथमिकी भी दर्ज है।

अनुराग गुप्ता के खिलाफ सर्वप्रथम बाबू लाल मरांडी ने मोर्चा खोला था, जब उन्होंने एक सीडी जारी करते हुए कहा था कि उक्त सीडी में पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और एडीजी अनुराग गुप्ता के बीच बातचीत का विवरण है। इस पर आयोग के प्रधान सचिव वीरेन्द्र कुमार ने रांची में जांच भी की। जिसके बाद तत्कालीन मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया था कि वे सीआइडी एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराये।

बाबू लाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को वोट देने से रोकने के लिए अनुराग गुप्ता ने दो दिन में दो दर्जन से अधिक बार फोन कर धमकियां दी। सीडी में संवाद कैद है कि अनुराग गुप्ता, योगेन्द्र साव से कहते है कि अभी तीन-चार साल रघुवर सरकार रहेगी, आपको बहुत ऊंचाई तक ले जायेंगे, बात नहीं मानने पर दिक्कत होगी।

लेकिन इसी बीच समय को देखिये कैसे करवट बदल रहा है, हेमन्त की सरकार सत्ता में हैं, बाबू लाल मरांडी फिर से भाजपा की गोद में बैठने जा रहे है, निःसंदेह अब वे जितने आरोप अनुराग गुप्ता पर लगाये हैं, अब वे उन्हें बचाने में लगायेंगे, क्योंकि सच्चाई है कि अनुराग गुप्ता ने भाजपा कैंडिडेट को राज्य सभा में पहुंचाने के लिए अपनी ओर से भरसक कोशिश की, ये अलग बात है कि वे पकड़ में आ गये, और बाबू लाल मरांडी ने इसे मुद्दा बनाया। इसे लेकर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने विधानसभा में सरकार को घेरा तथा रघुवर सरकार की इस दौरान घिग्घी भी बंध गई।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो फिलहाल राज्य में हेमन्त की सरकार है। हेमन्त ने जिस प्रकार से राज्य में एक्शन लेना शुरु किया है, उससे उनकी लोकप्रियता जनता के बीच में बढ़ी है, राहुल पुरवार के बाद अनुराग गुप्ता पर गिरी गाज उनकी लोकप्रियता में और चार चांद लगा दी है, इस मुद्दे पर उनकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस और राजद भी उनके साथ हैं, ऐसे में अनुराग गुप्ता को बचाने में अब बाबू लाल मरांडी या रघुवर दास कुछ भी लगा दें, अनुराग गुप्ता को फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही।