DVC की सरकार को धमकी, करो बकाये का भुगतान, नहीं तो झारखण्ड में फैलेगा 16 नवम्बर से अंधियारा

झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य को अंधकार युग में ले जाने की पूरी तैयारी कर ली है। झारखण्ड के धनबाद, गिरिडीह, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, मुसाबनी (पूर्वी सिंहभूम) आदि शहरों के लोग कल से लोड शेडिंग के शिकार होंगे, क्योंकि डीवीसी का राज्य सरकार पर 3527 करोड़ का बकाया है, जिस बकाया को भरने में राज्य सरकार के पसीने छूट रहे हैं। डीवीसी ने धमकी दी है कि अगर राज्य सरकार ने उसके बकाये का भुगतान नहीं किया तो 16 नवम्बर से वह बिजली में लोड शेडिंग के माध्यम से कटौती करना प्रारम्भ करेगा। शुरुआत में लोड शेडिंग तीस प्रतिशत होगी, और फिर बाद में प्रति सप्ताह दस प्रतिशत बढ़ता चला जायेगा।

फिलहाल अगर डीवीसी यानी दामोदर वैले कारपोरेशन की माने तो झारखण्ड के कई इलाकों में कल से आठ घंटे बिजली नहीं रहेगी, यानी लोग 16 घंटे ही बिजली में रह पायेंगे और डीवीसी का बकाया भुगतान जल्द नहीं हुआ तो स्थिति बिगड़ेंगी और लोग बिजली के लिये तरसते रहेंगे, क्योंकि फिर हर हफ्ते बिजली कटौती में दो से ढाई घंटे का इजाफा भी होगा। डीवीसी का साफ कहना है कि झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने उसके बकाया का भुगतान अभी तक नहीं किया है। डीवीसी के उच्चाधिकारी ने पत्र के माध्यम से झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के उच्चाधिकारी को इस बाबत जानकारी दे दी है।

डीवीसी का कहना है कि इस वर्ष अप्रैल महीने के बाद से भुगतान ही नहीं किया गया है, जिस कारण झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड पर बकाया बढ़कर अक्टूबर 2018 तक 3527 करोड़ रुपये हो गया, डीवीसी बताती है कि जून माह में केवल 20 करोड़ और सितम्बर माह में 350 करोड़ का भुगतान किया गया, और जब 31 अगस्त को जेबीवीएनएल पर दबाव बनाया गया, तब जेबीवीएनएल के उच्चाधिकारियों ने भुगतान करने की बात कही, पर इसके बावजूद बकाया भुगतान नहीं होने से खफा, डीवीसी एक बार फिर लोड शेडिंग की बात कह दी है।

इधर डीवीसी ने झारखण्ड के लोगों को इतनी मोहलत दी कि कम से कम वे छठ और दीवाली ठीक ढंग से मना लें, पर 16 नवम्बर से फिर बिजली कटौती की मार के समाचार से आम जनता और छोटे-मझौले उद्योगपति सिहर उठे हैं, अगर बिजली कटौती कल से प्रारंभ हुई तो झारखण्ड के बहुत सारे शहरों में हाहाकार मचना तय है, इधर सूचना है कि जेबीवीएनएल के उच्चाधिकारी डीवीसी के उच्चाधिकारियों से सम्पर्क में हैं, समस्या सुलझ जाने की बात कर रहे हैं, पर समस्या सुलझ जायेगी ऐसा दिखता नहीं।

डीवीसी बताती है कि 31 मार्च 2016 तक 556 करोड़, 31 मार्च 2017 तक यह बकाया बढ़कर 1743 करोड़ और 31 मार्च 2018 तक यह बकाया बढ़कर 1894 करोड़ और 31 अक्टूबर 2018 तक यह बकाया बढ़कर 3527 करोड़ रुपये हो गया है, पर राज्य सरकार पर इसका कोई असर होता नहीं दीख रहा, इसलिए लोड शेडिंग करना डीवीसी की मजबूरी हो गई है।