अपनी बात

धनबाद DDC ने CM के अहं को पूरा करने में अपनी ताकत झोंकी, 23 मनरेगाकर्मियों की सेवा समाप्त

लगता है, अब राज्य सरकार के अंतर्गत काम करनेवाले विभिन्न जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने भी संकल्प कर लिया है कि वे मुख्यमंत्री रघुवर दास के अहं को पूरा करके रहेंगे और वे सारे काम को करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखायेंगे, जिसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास का अहं पूरा होता हो, तथा राज्य में सीएम रघुवर दास तथा भाजपा का चेहरा, आम जनता के बीच बद से बदतर हो सकता हो, ऐसे कामों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, धनबाद के डीडीसी ने, जिसने दो दिन पहले 20 ग्राम रोजगार सेवकों समेत तीन प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारियों की सेवा समाप्त कर दी।

हम आपको बता दें कि पिछले एक महीने से मनरेगाकर्मी अपने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है, जिसके कारण पूरे राज्य में मनरेगा से संबंधित सारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का काम प्रभावित हो रहा है। कल ही विभागीय मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने एक महत्वपूर्ण बैठक की थी, जिसमें उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी किये थे, इधर रोजगार सेवकों के काम की जिम्मेदारी पंचायत सेवकों को दे दी गई है, वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी बीपीओ का काम देख रहे हैं।

इधर मनरेगाकर्मियों के हड़ताल को खत्म करने में राज्य सरकार भी दिलचस्पी नहीं ले रही, हालांकि कई विधायकों और सांसदों ने सीएम रघुवर दास को पत्र लिखकर मनरेगाकर्मियों की हड़ताल तुड़वाने की अपील की है, फिर भी सीएम रघुवर दास के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है, ये हाथी उड़वाने पर ही ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और इसके लिए वे जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। आश्चर्य इस बात की भी है कि पूरे विश्व में पांच साल का बच्चा भी जानता है कि हाथी किसी भी हालात में नहीं उड़ सकता है, वह भारी-भरकम जीव है, पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री को लगता है कि वे हाथी को उड़वाने की कला, पूरे विश्व में उन्हीं के पास है।

धनबाद में जिन प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी की सेवा समाप्त की गई है, उनके नाम है अशोक कुमार दास, सुश्री पूजा वर्मा और दीपक रवानी, जबकि रोजगार सेवकों के नाम इस प्रकार है – निमाई महतो, धरेन्दर महतो, रशीद अहमद, मुख्तार अंसारी, प्रभाष कुमार, नवीन कुमार पांडेय, दीपक कुमार प्रमाणिक, सुधीर रजवार, संजय कुमार महतो, शोभा कुमारी, संजीव कुमार, अमन कुमार सिन्हा, धन्जी सिंह, प्रकाश कुमार तिवारी, विश्वजीत चौधरी, सपन दे, प्रेमचन्द महतो और विमल चंद्र मंडल।

इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने बहुत ही कम मानव दिवस का सृजन किया, जिस कारण इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया, स्पष्टीकरण नहीं प्राप्त होने के कारण इनकी सेवा समाप्त कर दी गई, जबकि मनरेगाकर्मियों का कहना है कि चूंकि वे एक महीने से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है, पर सरकार उनकी उचित मांगों को नहीं मान रही, इसलिए उनकी हड़ताल को जबर्दस्ती तुड़वाने के लिए ये सेवा समाप्ति का तलवार चला रही है, जिसका कोई प्रभाव उनके हड़ताल पर नहीं पड़ने जा रहा।

इधर भाजपा विधायक राज सिन्हा ने विद्रोही 24.कॉम को बताया कि जिला प्रशासन को सेवा समाप्ति के पूर्व संयम से काम लेने की आवश्यकता है, सेवा समाप्ति कर देना ये किसी समस्या का हल नहीं है, इससे स्थितियां और बिगड़ेंगी, उनका कहना था कि मनेरगाकर्मियों की हड़ताल चल रही है, राज्य सरकार उनकी उचित मांगों को मांगने के लिए तत्पर है, उन्हें लगता है कि मामला जल्द सलट जायेगा और मनरेगाकर्मियों को उनका उचित हक भी मिल जायेगा, ऐसे में सभी पक्षों से संयम बरतना समय की मांग है।