राजनीति

देशव्यापी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की हुई गिरफ्तारी की भाकपा माले ने की कड़ी भर्त्सना

भाकपा माले ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घर आज अहले सुबह हुई छापेमारी और उनकी हुई गिरफ्तारी पर गहरा आक्रोश जताते हुए, इसकी तुलना आपातकाल से कर दी हैं। भाकपा माले नेताओं ने कहा कि आज गिरफ्तार होनेवालों में जानी मानी कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भी हैं, जो एक वकील है, और आजीवन छत्तीसगढ़ के उत्पीड़ित समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करती आ रही हैं।

इसके अतिरिक्त वर्नान गोंजाल्विस, गौतम नवलखा, वरवरा राव एवं कई अन्य प्रमुख हस्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि रांची में मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी के घर पर छापेमारी कर दी गई। इसी प्र्कार मुंबई, दिल्ली, रांची, गोवा और हैदराबाद में कई कार्यकर्ताओं के घर छापेमारी की गई हैं। सुधा भारद्वाज को आइपीसी की धाराओं 153 ए, 505, 117 और 120 और यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट) की कई धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया हैं।

भाकपा माले नेताओं का कहना है कि ये गिरफ्तारियां और छापेमारी पुणे पुलिस द्वारा भीमा कोरेगांव मामले में बताई जा रही है, जिसमें कई दलित व नारीवादी कार्यकर्ता और एडवोकेट पहले भी गिरफ्तार किये गये हैं, भीमा कोरेगांव में हुए बिल्कुल ही शांतिपूर्ण कार्यक्रम को आतंकवादी कार्यवाही बताने की कोशिश निहायत ही आधारहीन और भर्त्सना के योग्य हैं।

माले नेताओं ने कहा कि यह बहुत ही चिन्ता का विषय है कि केन्द्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकारें अधिकारों के लिए संघर्षरत कार्यकर्ताओं को आतंकवाद के आरोपों में विभिन्न दमनकारी कानूनों के तहत गिरफ्तार कर रही हैं, जबकि दलितों के प्रति हिंसा कर रहे, आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त असहमति की आवाज उठानेवालों की हत्याएं करनेवाले हिन्दुत्ववादी संगठनों को वर्तमान प्रधानमंत्री समेत तमाम भाजपा नेता राष्ट्रवादी बता रहे हैं।

माले नेताओं ने कहा कि जैसे-जैसे संसद के आगामी चुनाव निकट आ रहे हैं, इन गिरफ्तारियों और छापेमारियों के माध्यम से असहमति रखने एवं विरोध में बोलनेवाले सभी लोगों को देशद्रोही बताकर डराने-धमकाने की कोशिश की जा रही हैं। माले इसकी घोर भर्त्सना करती है, तथा सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वरनॉन गोंजाल्विस, वरवरा राव व अन्य सभी आज  गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग करती हैं। माले नेताओं ने कहा कि मोदी राज के अघोषित आपातकाल में अधिकारों के लिए संघर्षरत कार्यकर्ताओं और असहमति के स्वरों को या तो मार दिया जा रहा हैं, अथवा छापेमारियों व  गिरफ्तारियों के बाद उन्हें जेल में डाल दिया जा रहा हैं।

इधर रांची से खबर है कि स्थानीय माले नेताओं ने रांची के फादर स्टेन स्वामी के आवास पर आज हुई छापेमारी की घोर निन्दा की हैं और इसे लोकतांत्रिक संघर्षों को कुचलने की एक गहरी साजिश बताया हैं। माले नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा की गई यह छापेमारी नक्सली लिंक के साथ ही खूंटी के पत्थलगड़ी के साथ जोड़कर दहशत की राजनीति करने की एक बहुत बड़ी योजना हैं।