अपनी बात

कांग्रेस और झामुमो में बनी सहमति, लोकसभा चुनाव में राहुल तो विधानसभा में हेमन्त होंगे नेतृत्वकर्ता

आखिरकार कांग्रेस और झामुमो में सहमति बन ही गई। कांग्रेस ने झारखण्ड में एक तरह से स्वीकार कर लिया है कि झारखण्ड में हेमन्त सोरेन ही एक ऐसे नेता हैं, जिनके नेतृत्व में भाजपा को धराशायी किया जा सकता है, इसलिए दोनों ने आपसी सहमति को एक तरह से मंजूरी दे दी। सहमति बन जाने के बाद एक तरह से अब क्लियर हो गया कि लोकसभा में कांग्रेस ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ी करेगी, जबकि विधानसभा में झामुमो के उम्मीदवार सर्वाधिक सीटों पर खड़े होंगे, और कांग्रेस इसका समर्थन करेगी।

इस प्रकार से देखा जाय, तो झारखण्ड में महागठबंधन की एकता मजबूत होती दीख रही है। महागठबंधन में झारखण्ड की लोकसभा की 14 सीटों पर कांग्रेस सात, झामुमो चार, झाविमो दो और राजद एक सीट पर चुनाव लड़ेगी, हालांकि एक दो सीटों पर अभी भी महागठबंधन में जिच चल रही है।

कांग्रेस और झामुमो ने सीटों के बंटवारों को लेकर लिखित समझौता भी किया है, जिसमें स्पष्ट है कि लोकसभा का चुनाव महागठबंधन कांग्रेस के नेतृत्व में तथा विधानसभा का चुनाव महागठबंधन हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में लड़ेगा, यानी एक तरह से क्लियर हो गया कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के बाद महागठबंधन बहुमत में आई तो हेमन्त सोरेन ही मुख्यमंत्री होंगे।

इधर झामुमो भी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार एक तरह से मान लिया है, कांग्रेस और झामुमो के बीच हुई सहमति के बाद महागठबंधन को झारखण्ड में मिली मजबूती तथा भाजपा के अंदर चल रही राजनीतिक उठा-पटक और मंत्री सरयू राय द्वारा मुख्यमंत्री रघुवर दास पर लगाये गये प्रश्न चिह्न के बाद, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा, 2014 नहीं दुहरा पायेगी, इस बार कांग्रेस और झामुमो का पलड़ा भारी है, अब इसकी भारी जीत की केवल औपचारिकता बाकी है, क्योंकी रघुवर सरकार ने झारखण्ड में भ्रष्टाचार की वो नींव खड़ी कर दी है, कि अब सामान्य जनता भी ये कहने से नहीं चूकती कि इधर सरकार बदली और उधर रघुवर दास को जेल जाने से कोई रोक नहीं सकता।