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पीरिएड्स को लेकर कॉमिक्स बुक्स सह कैंपेन जोहार हुई लॉन्च, 50 हजार छात्राओं को किया जायेगा जागरूक, निजी व सरकारी स्कूलों में साथ-साथ चलेगा कैंपेन

पीरिएड्स यानि माहवारी एक ऐसा विषय है जिस पर आज भी बात करने से लोग कतराते हैं। हालांकि बदलाव आया है पर वो नाकाफी है। हैरानी की बात है कि जिस पीरिएड्स की वजह से ये सृष्टि चल रही है वह आज भी शर्म की विषय बनी हुई है। परंपरा ऐसी ही रही है कि बचपन से ही इसको लेकर संकोच और हीनभावना और झिझक बच्चियों में घर कर जाती है।

यही वजह है कि राष्ट्रीय स्तर की संस्था मेंस्ट्रूपीडिया, नाम्या फाऊंडेशन के साथ मिलकर राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पीरिएड्स को समर्पित कॉमिक्स बुक्स सह कैंपेन जोहार पीरिएड्स की आज जमशेदपुर के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट में लॉन्चिंग की।इस कार्यक्रम में बॉक्सर अरूणा मिश्रा और पूर्व विधायक सह नाम्या फाऊंडेशन के संस्थापक कुणाल षाड़ंगी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

वहीं नाम्या फाऊंडेशन की तरफ से डा. श्रद्धा सुमन, निकिता मेहता, पूर्णेंदु पात्रा ,निधि केडिया और अन्य लोग उपस्थित थे। ये कैंपेन सिर्फ निजी स्कूलों के लिए ही सीमित नहीं है बल्कि सरकारी स्कूलों में भी इसे आयोजित किया जाएगा और कॉमिक्स बुक्स को पूर्वी सिंहभूम जिले की 50 हज़ार छात्राओं तक पहुंचाया जाएगा।

कोरोना गाईडलाईन्स की वजह से छात्राएं इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाईं लेकिन उन्हें स्कूल की ओर से  बुक्स ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन एडुकेटर्स स्कूल के लिए समर्पित होंगे, जिनको इस विषय पर  बच्चियों के साथ निरंतर संपर्क स्थापित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस कॉमिक्स बुक्स के माध्यम से छात्राएं पीरिएड्स के विभिन्न पहलुओं, समस्याओं और  निदान को लेकर जागरूक हो पाएंगी। साथ ही ये कॉमिक्स बुक्स पुरूषों को भी जागरूक करेंगे कि वे पीरिएड्स को लेकर महिलाओं-बच्चियों के प्रति नरम रवैया रखते हुए संवेदनशील और सहयोगी बनें। इस मौके पर कान्वेंट स्कूल की प्राचार्या सिस्टर रश्मिता ने नाम्या फाऊंडेशन को इतने महत्वपूर्ण कैंपेन के लिए धन्यवाद दिया।

वहीं नाम्या फाऊंडेशन के संस्थापक कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि पीरिएड्स को समर्पित संस्था मेंस्ट्रूपीडिया के माध्यम से अब तक भारत समेत पूरी दुनिया में जोहार पीरिएड्स कॉमिक्स बुक की डेढ़ करोड़ से ज्यादा प्रतियां वितरित की जा चुकी हैं। कुणाल ने कहा कि नाम्या फाऊंडेशन ने तय किया है कि मैंस्ट्रूपीडिया के सहयोग से पूरे झारखंड को इस विषय पर कॉमिक्स के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीरिएड्स कोई अपराध नहीं है कि इससे जुड़े नैपकिन को काले पौलिथिन में लपेटकर छुपाकर अपराधबोध से ग्रसित होकर लिया जाए। 

कार्यक्रम में उपस्थित डा. श्रद्धा सुमन ने कहा कि आज भी अचानक पीरिएड्स होने पर बच्चियां स्कूल या अन्य जगहों पर असहज हो जाती हैं तो उनको सहज वातावरण नहीं मिल पाता। साथ ही इस विषय पर उनके कई सवाल हैं जो मन में रह जाते हैं। जोहार पीरिएड्स इसी झिझक और संकोच को तोड़ेगा।

नाम्या की सदस्य निकिता मेहता ने कहा कि कई बार अचानक पीरिएड्स आने पर महिलाएं या बच्चियां शर्मिंदगी की शिकार हो जाती है। स्कूल के दिनों से ही छात्र और छात्राएं, दोनों को जागरूक करने से पीरिएड्स को लेकर एक संवेदनशील समाज की नींव पड़ेगी जहां असहज स्थिति आने पर लड़के या अन्य खिल्ली नहीं उड़ाएंगे बल्कि सहयोग करेंगे। मौके पर नाम्या की सदस्य निधि केडिया ने कहा कि ये कॉमिक्स बुक्स समाज की सोच को बदलेगी।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर अरूणा  मिश्रा ने अपनी बच्चियों का उदाहरण देते हुए बताया कि आज पहले से हालात बदले हैं क्योंकि उनके बताने से पहले ही उनकी बच्चियां पीरिएड्स के बारे में अपने स्कूल में ही जान चुकी थीं। अरूणा ने कहा कि सरकारी स्कूलों और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ऐसे अभियान की बहुत ज़रूरत है।