अपराध

रांची रेल मंडल में शुरु हो गई कोयले की तस्करी, कोयला तस्करों ने दिखाई अपनी ताकत, यात्री परेशान

पहले जो चीजें रांची जंक्शन के आस-पास नहीं दिखाई पड़ती थी, अब वो भी धड़ल्ले से दिखनी शुरु हो गई। रांची जंक्शन के आस-पास अब कोयला तस्करों का जमावड़ा शुरु हो गया है, ये विभिन्न ट्रेनों से कोयला तस्करी में लगे पुरुषों व महिलाओं के साथ सांठ-गांठ कर बड़े पैमाने पर विभिन्न ट्रेनों से कोयला मंगवाना शुरु कर दिया है।

आश्चर्य है कि जैसे ही पैसेंजर ट्रेनें रांची जंक्शन के विभिन्न प्लेटफार्मों पर लगने के लिए आउटर सिग्नल से आगे बढ़ती है, बड़ी संख्या में इन पैसेंजर ट्रेनों में चढ़ी इस धंधे में लिप्त पुरुष और महिलाएं, सैकड़ों की संख्या कोयलों से भरी बड़ी-बड़ी बोरियां गिराना प्रारंभ करते है, जिसका सिलसिला प्लेटफार्म तक गिरना जारी रहता है।

इधर जैसे ही इन ट्रेनों का आने का समय होता है, इस धंधे में लिप्त महिलाएं व पुरुष पटरियों पर आ धमकते हैं, कमाल की बात है कि इतने बड़े पैमाने पर धंधा शुरु हो गया, पर स्थानीय आरपीएफ को पता ही नहीं, कमाल यह भी है कि न सैकड़ों की बोरियां इन ट्रेनों से गिरते देरी और न ही इसका ठिकाना लगते देरी, हाथों-हाथ, इन पटरियों पर गिरे कोयले की बोरियों को सर पर रख, ये कोयला तस्करी में लगे लोग चल देते है, और बस इनका काम इसी प्रकार जोर-शोर से चलता जा रहा है।

इस समाचार में दिये गये सारे फोटो आज के है, जब आसनसोल पैसेंजर रांची के प्लेटफार्म पर लगने के लिए धीरे-धीरे आगे की ओर ससर रही थी और कोयला तस्कर अपनी कोयले की बोरियों को नीचे गिराते जा रहे थे, तथा दूसरी तरफ कोयला तस्करी में लगे लोग इसे ठिकाने लगाने में लगे थे। आसनसोल पैंसेंजर से यात्रा कर रहे कई यात्रियों का कहना था कि पूर्व में जब आसनसोल पैंसेजर, या अन्य पैसेंजर गाड़ियां जब रांची आती थी, तो इस प्रकार की कोयला तस्करी, कम से कम इस साइड में दिखाई नहीं देता था।

आम तौर पर मुरी के पहले आनेवाले स्टेशन कोटशिला-झालिदा तक ही दिखाई पड़ता था, पर अब तो रांची तक आने का ये सिलसिला बता रहा है कि आनेवाला समय ठीक नहीं है, यात्रियों को परेशानी बढ़ेंगी, इस धंधे में लिप्त लोग मालामाल होंगे, तथा अभी तक तो रांची के आउटर सिग्नल से लेकर प्लेटफार्म तक ही ये धंधा दीख रहा है, एक समय आयेगा कि रांची जंक्शन का प्लेटफार्म 4 और 5 इसी के लिए जाना जायेगा तथा रांची जंक्शन की सुंदरता तथा नाम भी सदा के लिए नष्ट हो जायेगा और लोग रांची जंक्शन को कोयला तस्करों का चारागाह तक बोलने से नहीं चूंकेंगे, क्योंकि ये धंधा दिन-प्रतिदिन अब बढ़ता जा रहा है, आज का दृश्य तो चौकानेवाला था।