राजनीति

सीएनटी-एसपीटी मामले पर जनांदोलन के आगे झूके झारखण्ड के सीएम

झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि सीएनटी की धारा 21 और एसपीटी की धारा 13 का संशोधन प्रस्ताव निरस्त होगा। उन्होंने ये घोषणा आज जनजातीय परामर्शदातृ समिति की बैठक में की। उन्होंने कहा कि सरकार सभी के सहयोग से आगे बढ़ना चाहती है। ज्ञातव्य है कि पूर्व में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएनटी और एसपीटी पर सरकार द्वारा लिये गये निर्णय को वापस लेने से साफ इनकार किया था। मुख्यमंत्री रघुवर दास के आज के बयान के अनुसार, जिन्हें भी किसी बात को लेकर आपत्ति या सुझाव हो, वे खुलकर अपनी राय सरकार के समक्ष रख सकते है। टीएसी की अगली बैठक अब 3 अगस्त को रखी गयी है।

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने लौटाया था संशोधन प्रस्ताव

सीएनटी-एसपीटी मामले पर, ज्ञातव्य है कि हाल ही में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सरकार को ये संशोधन प्रस्ताव यह कहकर लौटाया था कि राज्य सरकार जनहित में इस फैसले पर पुनर्विचार करें, और जो भी राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने जो सुझाव या आपत्तियां दर्ज करायी, उस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें। जैसे ही राज्यपाल की ओर से उक्त प्रस्ताव को लौटाया गया था, उसी समय यह स्पष्ट हो गया था कि सरकार जल्द ही इस पर ठोस निर्णय लेगी। इधर रघुवर दास द्वारा लिया गया यह निर्णय की सीएनटी की धारा 21 और एसपीटी की धारा 13 का संशोधन प्रस्ताव निरस्त होगा। इससे झारखण्ड की जनता को बहुत बड़ी राहत मिली है, क्योंकि ज्यादातर आदिवासी संगठन सरकार द्वारा लिये गये पूर्व के निर्णयों से बेहद नाराज थे।

नाराज थे भाजपा के कई बड़े आदिवासी नेता

यहीं नहीं सरकार में शामिल भाजपा के कई वरीय नेताओं ने अपनी भृकुटि तान दी थी। पूर्व लोकसभाध्यक्ष करिया मुंडा और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा तो खासे नाराज चल रहे थे और सरकार द्वारा लिये गये इस निर्णय पर कड़ा ऐतराज भी जताया था।

3 अगस्त को होगी दो संशोधनों पर चर्चा

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज की बैठक में, यह भी कहा कि उन्होंने इस संबंध में राज्यपाल, विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों, भाजपा एवं सरकार को सहयोग कर रही दलों के नेताओं से भी मशविरा किया था, जिस पर उन्होंने अमल भी किया। उन्होंने कहा कि अन्य दो संशोधनों पर चर्चा अगली बैठक में, यानी 3 अगस्त को होगी।

50 करोड़ का शिक्षा गारंटी फंड

रघुवर दास के अनुसार उनके लिए सवा तीन करोड़ की जनता का हित सर्वोपरि है। वे किसी के साथ भेदभाव पर विश्वास नहीं करते, सबका साथ-सबका विकास उनकी मूल भावना है। झारखण्ड में जैसा जनता चाहेगी, वहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि टीएसी की पिछली बैठक में यह कहा गया था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए लोन दिलाने का काम सरकार करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ का शिक्षा गारंटी फंड तैयार किया है। झारखण्ड ऐसा पहला राज्य है, जहां शिक्षा गारंटी फंड तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के अनुसार टीएसी की बैठक में एसटी और एससी को आवास लोन दिलाने पर भी चर्चा हुई है, साथ ही तय हुआ कि त्रिपुरा हाईकोर्ट के फैसले के आलोक में सरफेसी एक्ट में संशोधन के लिए झारखण्ड सरकार केन्द्र सरकार से अनुरोध करेगी, जिसमें कहा जायेगा कि अगर अनुसूचित जनजाति का कोई व्यक्ति लोन नहीं चुकाता है तो राज्य सरकार बंधक पड़ी जमीन स्वयं ले लेगी और उसके बाद वहीं जमीन किसी अनुसूचित जनजाति के लोगों को उपलब्ध करा देगी।