अपनी बात

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : करारा तमाचा मारना हैं…

लातेहार में आयोजित पलामू प्रमंडल भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आक्रामक मुद्रा में कहा कि जो गुमराह करने की कोशिश करें, उसे करारा तमाचा मारें। अपने विरोधियों को उन्होंने विकास विरोधी बताते हुए कहा कि वे गरीबी के नाम पर राजनीति करनेवालों में से नहीं है, उनकी प्राथमिकता गरीबी को समाप्त करना और विकास विरोधी शक्तियों को झारखण्ड से समाप्त करना है।

ऐसे भाषण से भीड़तंत्र हावी हो सकते हैं

मुख्यमंत्री रघुवर दास के अनुसार वे गरीब की पीड़ा को समझते है, और गरीबी दूर करके रहेंगे। मुख्यमंत्री का ये कथन कि गुमराह करनेवालों को करारा तमाचा मारना है, इससे एक बार फिर भीड़तंत्र को मजबूत होने का मौका मिलेगा और वे अपने विरोधियों पर ठीक उसी प्रकार टूट पडेंगे, जैसा कि राज्य के विभिन्न शहरों में पिछले कई दिनों से देखा गया, जहां भीड़तंत्र ने कानून को अपने हाथ में लेकर, सरेआम कई लोगों की पिटाई कर दी, जिसमें दर्जन से ज्यादा लोगों की जानें चली गई। ऐसे हालात में, अगर लातेहार में मुख्यमंत्री रघुवर दास का दिया गया भाषण, सचमुच जनता या उनके कार्यकर्ताओं ने धारण कर लिया तो स्थिति विकट हो सकती है।

विकास के दावे के साथ-साथ वाणी में संयम का होना भी जरुरी

क्या मुख्यमंत्री रघुवर दास चाहेंगे कि उनके दिये गये भाषण, जिसमें उन्होंने कहा है कि गुमराह करनेवाले विरोधियो को करारा तमाचा मारना है? उसे जनता या उनके कार्यकर्ता क्रियान्वित करना प्रारम्भ कर दें। यह यक्ष प्रश्न एक बार फिर खड़ा हो गया। विरोधी संशकित है कि कहीं ऐसा नहीं कि भाजपा कार्यकर्ता या अन्य असामाजिक तत्व राज्य के भाजपा से अलग दलों को विकास विरोधी मानकर सजा देना न शुरु कर दें, ऐसी स्थिति होती है तो यह भयावह होगी, और राज्य के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास को अपने भाषण में संयम रखना होगा, विकास के साथ-साथ वाणी में संयम रखना भी ज्यादा जरुरी है, क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री के रुप में उनकी बात का पकड़ होना स्वाभाविक है।