यह दृश्य बार-बार दिखे, ताकि फिर कोई वंचित ये न कहे कि देश ने उन्हें सेवा का मौका नहीं दिया
संयोग कहिये, ऐसा दृश्य बहुत कम देखने को मिलता है, जब प्रमुख संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का समूह, वह भी ऐसे समुदाय से आनेवाले, जो वर्षों से नीचले पायदान पर रहे हैं, एक दूसरे का स्वागत-अभिनन्दन व वार्ता के क्रम में इस प्रकार मशगूल रहते है कि इनकी एक क्लिक की गई तस्वीर ऐतिहासिक हो जाती है।
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