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गाड़ी पर प्रेस, कोर्ट, पुलिस आदि लिखकर चलना पड़ेगा महंगा, होगी कार्रवाई

राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में विधायिका प्राधिकार, न्यायपालिका प्राधिकार, कार्यपालिक प्राधिकार, वैधानिक आयोग एवं केन्द्रीय कार्यालय अथवा राज्यस्थित प्रतिष्ठानों से संबंधित वाहनों में कौन से नाम प्रयुक्त होंगे और उनके रंग क्या होंगे, इससे संबंधित जानकारी दी गई हैं। इसी में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि मोटरयान अधिनियम एवं नियमावली के प्रावधानों के आलोक में कोर्ट, आर्मी, पुलिस, प्रेस, सरकार, प्रशासन, मंत्रालय इत्यादि शब्दों का प्रयोग वर्जित है,

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द रांची प्रेस क्लब प्रकरणः जब भैंस पूंछ उठाएगी तो गोबर ही करेगी, ज्ञान की गंगा नहीं बहायेगी

किसी ने ठीक ही कहा है कि जब भैंस पूंछ उठाएगी तो गोबर ही करेगी, ज्ञान की गंगा नहीं बहायेगी। द रांची प्रेस क्लब की अनुशासन समिति ने उन लोगों पर आरोप लगाया है, जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी की थी, कारण बताओ नोटिस का जवाब 09 मार्च को संध्या पांच बजे तक द रांची प्रेस क्लब में जमा कर देना था, कुछ सदस्यों ने उनके कारण बताओं नोटिस का जवाब दिया तो कुछ ने जवाब नहीं दिया।

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वो राम से कम नहीं, जो अपने पिता के वचन को पालन करने के लिए स्वयं को अर्पित कर दें

मैंने अपने माता-पिता से कहानियों में सुना हैं और रामायण में पढ़ा भी है कि भगवान राम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए हंसी-खुशी 14 वर्ष वनवास को ग्रहण किया, लेकिन कभी राम को देखा नहीं, पर कुछ महीने पहले जो हमने महसूस किया, उससे यही पता चला कि भगवान राम अगर होंगे तो बिल्कुल वैसे ही होंगे, डा. अमिताभ कुमार की तरह, जिन्होंने अपने पिता डा. हरिहर पांडेय द्वारा किसी को दिये गये वचन का अक्षरशः पालन करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा, बल्कि उसे अंत तक निभा दिया,

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कौन कहता है कि सदियों से महिलाओं को पुरुष से पीछे रखा गया है? सच्चाई तो यह है कि महिलाएं नेतृत्वकर्ता हुई हैं

कौन कहता है कि सदियों से महिलाओं को पुरुष से पीछे रखा गया है? मेरे विचार से यह सवाल खड़ा करना ही गलत है, चाहे वह सवाल किसी ने भी उठाये हो। भारतीय वांग्मय या साहित्य में तो ऐसे कई उद्धरण है कि जिसे देखते ही पता चल जाता है कि महिलाओं को कभी भी पुरुषों के पीछे नहीं रखा गया, हमेशा उन्हें समानान्तर स्थान दी गई। इतिहास पलटिये तो पता चलता है कि हमारे देश की महिलाओं ने कदम से कदम मिलाकर पुरुषों को महान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी,

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महिला दिवस पर डा. अर्चना पाठक MDLM हॉस्पिटल में लगाई फ्री सर्वाइकल कैंसर शिविर

रांची में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की धूम रही। कई सामाजिक संगठनों व महिलाओं से जुड़ी प्रतिबद्ध सैलिब्रेटियों ने इसे विशेष तरीके से मनाया। इसी बीच रांची के बूटी में स्थित एमडीएलएम हास्पिटल, राजधानी रांची में विशेष रुप से चर्चा में रहा, क्योंकि हास्पिटल में कार्यरत सुप्रसिद्ध महिला चिकित्सक डा. अर्चना पाठक ने अपने देख-रेख में निः शुल्क सर्वाइकल कैंसर शिविर का आयोजन किया।

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याद रखियेगा हेमन्त बाबू, बड़े-बड़े महानगरों में स्टेकहोल्डर्स मीट करा लेने से निवेशक नहीं आते

बड़े-बड़े महानगरों के बड़े-बड़े होटलों में स्टेकहोलर्डस मीट करा लेने से किसी राज्य में औद्योगीकरण का विस्तार नहीं होता हेमन्त बाबू। इस बात को, आपको खासकर गांठ बांध लेना चाहिए, क्योंकि आप उस राज्य से आते है, जहां की जनता बहुत ही निर्धन है, और उसकी पहली मांग औद्योगीकरण नहीं है, और न ही आपको औद्योगीकरण का जाल फैलाने के लिए राज्य की गरीब, शोषित, उपेक्षित जनता ने सत्ता सौंपा है।

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हेमन्त ने पकड़ी ‘रघुवर’ की राह, कनफूंकवों ने रखी मूंछ पर ताव, ‘मोमेंटम झारखण्ड’ का मजा लीजिये ‘इमर्जिंग झारखण्ड’ में

राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की राह पकड़ ली है। जिन-जिन कनफूंकवों ने रघुवर दास के समय मूंछ पर ताव रखी थी, वे सब तो फिलहाल इस सीन से गायब है, लेकिन उनके जगह पर नये कनफूंकवों ने स्थान ग्रहण कर लिया है, जबकि एक अभी भी यहां विद्यमान है, जो उस वक्त भी सक्रिय थी। याद करिये, मोमेंटम झारखण्ड और इसके नाम पर हाथी उड़ाने का सर्कस।

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हा रे बेशर्मों, अपनी मर्जी चलाते-चलाते रांची में गिद्ध टाइप पत्रकारिता की शुरुआत कर दी

हा रे बेशर्मों, कहां से पत्रकारिता का डिग्री लिया है रे, कौन से विश्वविद्यालय का नाम रौशन कर रांची पहुंच गया है रे, ये सब हेडिंग लगाना किसने सिखाया तुमको, ये असंवेदनशीलता कहां से आ गई तुमको, शहीदों और उनके परिवार के प्रति इस प्रकार की धृष्टता कहां से कर गये तुम, अपनी मर्जी चलाते-चलाते रांची के पाठकों को सड़क छाप पत्रकारिता का स्वाद कहां से चखा दिया।

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भाग्यशाली रहे हजारीबाग के राजेश कि उनके खिलाफ आरोप लगानेवालों को कनफूंकवों का साथ नहीं मिला, नहीं तो…

बड़ी खुशी हुई यह समाचार जानकर कि हजारीबाग के आरटीआई कार्यकर्ता व स्वतंत्र पत्रकार राजेश मिश्रा को उन आरोपों से मुक्ति मिल गई, जिस आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। राजेश मिश्रा हजारीबाग डिस्ट्रिक्ट मोड़ के पास से अफीम और ब्राउन सुगर के साथ गिरफ्तार किये गये थे। पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरटीआई कार्यकर्ता निर्दोष है, रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मी और भू-माफिया ने मिल कर उनके खिलाफ एक साजिश रची थी, जिसमें वे फंस गये।

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दुबई में बंधक बनाये गये दोनों आदिवासियों को जल्द झारखण्ड लाया जायेगा – हेमन्त सोरेन

गुमला के घागरा प्रखंड स्थित नवडीहा बरटोली  गांव के रहने वाले सुनील भगत और डुको  गांव के अजय उरांव को दुबई में बंधक बनाकर रखा गया है। इस बात की जानकारी झारखंड विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पूर्व शिक्षा मंत्री श्रीमती गीताश्री उरांव ने दी। उन्होंने मुख्यमंत्री से इन दोनों युवकों को दुबई से मुक्त करा कर सुरक्षित वापस घर लाने के लिए पहल करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है।

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