प्रेमावतार परमहंस योगानन्द जी की 132वीं जन्मोत्सव के पूर्व संध्या पर स्वामी निश्चलानन्द ने कहा कि आप स्वयं ईश्वर के शत्रु ही क्यों न बन जायें, उसके बावजूद परमहंस योगानन्द जी का प्रेम आपके प्रति नहीं बदल सकता
प्रेमावतार परमहंस योगानन्द जी की 132 वीं जन्मोत्सव के पूर्व संध्या पर रांची के ध्यान मंदिर में आयोजित विशेष आध्यात्मिक
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