माया को प्रभावहीन बनाने की एकमात्र मारक औषधि योग है, हं-सः व ओम् तकनीक के रास्ते योग को अपनाकर ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है – स्मरणानन्द गिरि
हं-सः एवं ओम् तकनीक के द्वारा ही सकारात्मक व अच्छी सोच हमारे शरीर के अंदर छुपे मन और आत्मा को
Read Moreहं-सः एवं ओम् तकनीक के द्वारा ही सकारात्मक व अच्छी सोच हमारे शरीर के अंदर छुपे मन और आत्मा को
Read Moreअंतरराष्ट्रीय योग दिवस को देखते हुए रांची के योगदा सत्संग मठ में योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से
Read Moreयाद रखिये, जीवन में बिना लक्ष्य निर्धारित किये, जीवन जीना व्यर्थ है। हमें हमेशा अपना एक लक्ष्य निर्धारित कर लेना
Read Moreज्ञानावतार स्वामी युक्तेश्वर गिरि जी जहां दया की आवश्यकता होती थी, वहां वे फूलों से भी कोमल हो जाया करते
Read More“सत्य का मूल तत्त्व, सर्वव्यापक भौतिक स्वरूप में विद्यमान होते हुए भी, उनसे आत्मा के सौरभ की तरह निसृत होता
Read Moreनिरन्तर ध्यान, सत्कर्म, अच्छा स्वास्थ्य, किसी की आलोचना नहीं करना और योगदा सत्संग सोसाइटी से जुड़ी पुस्तकों का निरन्तर अध्ययन
Read Moreआपके पास समय कम है। इसलिए सिर्फ ध्यान करिये। क्रिया योग में मन लगाइये। हं-सः व ओम तकनीक के माध्यम
Read Moreजिन-जिन छठव्रतियों अथवा छठव्रतियों के परिवार के लोगों ने दैनिक भास्कर पढ़कर आज अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को प्रथम अर्घ्य दिया
Read Moreजब भी आपके साथ कुछ बढ़िया होता है, आप आनन्द महसूस करते हैं, आप बिना देर किये ईश्वर को इसके
Read Moreरांची स्थित योगदा सत्संग मठ में आयोजित रविवारीय सत्संग को संबोधित करते हुए ब्रह्मचारी निर्मलानन्द ने सभी योगदा सत्संगियों को
Read More