राजनीति

नगर निकाय चुनाव में आसन्न हार से घबराई भाजपा पूनम ढिल्लो की शरण में

नगर निकाय चुनाव में आसन्न हार से घबराई भाजपा आज सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री पूनम ढिल्लो की शरण में चली गई, और नगर निकाय चुनाव को प्रतिष्ठा से जोड़ दिया। पूनम ढिल्लो के शरण में जाने से यह भी स्पष्ट हो गया कि भाजपा के पास राज्य में कोई ऐसा नेता नहीं है, जो जनता को अपनी ओर आकर्षित कर, उनके आशीर्वाद को वोट में बदल दें।

चूंकि आज चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था। सभी दलों ने अपनी-अपनी ओर से मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जोर लगाया, ऐसे में भाजपा पीछे क्यों रहती? चूंकि पूरे राज्य में पहली बार दलीय आधार पर नगर निकाय चुनाव हो रहे है, ऐसे में जो परिणाम आयेंगे तो आनेवाले लोकसभा और विधानसभा में इसका प्रभाव पड़ना तय है, इसलिए राज्यस्तरीय भाजपा नेता पूनम ढिल्लो के भाषण के आगे नतमस्तक होते नजर आये।

मेदिनीनगर से भाजपा की महापौर उम्मीदवार अरुणा शंकर चुनाव लड़ रही है, जबकि इनकी लड़ाई झामुमो की निर्मला तिवारी और निर्दलीय पूनम सिंह से हैं। निर्मला तिवारी रेड़मा की बहू मानी जाती है और सुनील तिवारी की पत्नी है, जबकि पूनम सिंह के परिवार का दबदबा भी पूरे नगरपालिका में शुरु से रहा है।

आज अपनी स्थिति को ठीक करने के लिए भाजपा प्रत्याशी अरुणा शंकर ने पूनम ढिल्लों को डालटनगंज बुलाया और उनका रोड शो कराया, साथ ही शिवाजी मैदान में एक सभा भी कराई, जिसका युवाओं ने खुब आनन्द लिया। अब पूनम ढिल्लो का मेदिनीनगर आने का कितना असर पड़ा, ये तो 20 अप्रैल को पता चलेगा, जब मतों की गिनती की जायेगी, फिलहाल, इन सबसे अलग मेदिनीनगर की जनता निर्णय कर चुकी है कि उसका अगला मेयर कौन होगा?