BJP नेता अनुरंजन अशोक ने PM, गृह मंत्री व राज्य के DGP को लिखा पत्र, अपने व परिवार को बताया जान का खतरा, सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने की मांग

रांची के अरगोड़ा थाना स्थित हरमू हाउसिंग कालोनी में रहनेवाले भाजपा नेता अनुरंजन अशोक ने झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है, इस पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि वर्तमान में उनके व उनके परिवार को जान का खतरा है, इसलिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाय।

पत्र में उन्होंने लिखा है कि विगत दिनों दिनांक 21 जनवरी 2022 को असामान्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सुरक्षा गार्ड मुहैया कराई गई थी। यह सेवा मात्र 28 दिनों के लिए ही प्रदान की गई थी। अनुरंजन अशोक का कहना है कि नावाबाजार पलामू में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर लालजी यादव के संदिग्ध मौत एवं अवैध खनिज व्यापार को लेकर उन्होंने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की उन्हें प्रार्थना की थी।

इस याचिका के दाखिल करने के बाद ही उन्हें 21 जनवरी 2022 को एक धमकी मिली थी, जिसमें जनहित याचिका वापस लेने की बात कही गयी थी। जिसकी सूचना उन्होंने पुनदाग थाने को दी और प्राथमिकी भी दर्ज कराई। अनुरंजन अशोक का कहना है कि भ्रष्टाचार, अपराध इत्यादि पर उन्होंने कई जनहित याचिका दायर किया है, जिसमें सरकार मैं बैठे लोग कई महत्वपूर्ण एवं संवैधानिक पदों पर बैठे हैं, समाज में रसूख रखने के साथ धन-यश भी हैं, जिसमें कुछ कारागार में हैं, एवं उनके आकांक्षाओं पर भ्रष्टाचार, अपराध उच्च न्यायालय द्वारा सिद्ध होनेवाला है।

अनुरंजन अशोक ने यह भी बताया है कि दो एके 47 स्वचालित हथियार जो रांची पुलिस का था, उसे प्रवर्तन निदेशालय ने एक भ्रष्टाचारी के आवास से बरामद किया था, ऐसी परिस्थिति में उन्हें लगता है कि उनके अंगरक्षक को हटाने में किसी महत्वपूर्ण, संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का हाथ हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में उन्हें या उनके परिवार के साथ कोई होनी या अनहोनी होता है, तो इसकी जिम्मेवार पूर्ण रुप से रांची पुलिस ही होगी।

इसे उनका अंतिम बयान माना जाय। पत्र में और भी सारी बातें लिखी गई है। कुल मिलाकर अनुरंजन अशोक ने सभी से सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने की मांग की है, अब इसमें उन्हें कहां तक सफलता मिलती है, फिलहाल सभी का ध्यान उसी ओर हैं। अनुरंजन अशोक को पत्र लिखे एक सप्ताह से भी अधिक दिन हो चुके हैं, अभी तक उन्हें सुरक्षा गार्ड नहीं मिले हैं।