बंगाल, बिहार के बाद झारखण्ड की राजधानी रांची में भाजपा हटाओ महारैली 31 अक्टूबर को

बंगाल, बिहार में मिली अपार सफलता के बाद भाजपा विरोधी पार्टियों की महारैली 31 अक्टूबर को मोरहाबादी मैदान में आयोजित होगी। इस रैली में देश की सभी प्रमुख पार्टियों के विपक्षी दलों के नेता शिरकत करेंगे। मकसद झारखण्ड से भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकना है। इस महारैली के आयोजनकर्ता है – आदिवासी सेना, बिरसा सेवा दल तथा अन्य संगठन।

31 अक्टूबर की महारैली को लेकर अंदर ही अंदर जोर-शोर से तैयारी चल रही है। मकसद राज्य सरकार को बताना है कि उनकी सारी लोकप्रियता छूमंतर हो गई है। जनता अब ज्यादा दिनों तक रघुवर सरकार को देखना पसन्द नहीं करती। सच्चाई भी यहीं है। राज्य में रह रहे आदिवासियों का समूह जो कल तक भाजपा को पसन्द करता था, उससे अपनी दूरियां बना चुका है। सीएनटी-एसपीटी मामले में सरकार का पीछे हटना, साफ बताता है कि वह भी जान चुकी है कि झारखण्ड का एक बड़ा वर्ग उससे दूर हो चुका है। हालांकि आदिवासियों को फिर अपनी ओर से लाने की कवायद भाजपा की ओर से शुरु हो चुकी है, पर सफलता मिलती नहीं दीख रही।

लगातार अर्जुन मुंडा और करिया मुंडा की अनदेखी और उनकी बातों पर नहीं ध्यान देने से मुंडा समुदाय में भी गहरा रोष है। राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार, लोगों को नहीं मिल रही सुविधा तथा राज्य सरकार द्वारा प्रचार के नाम पर फूकें जा रहे करोड़ों रुपये से भी जनता नाराज हो चली है। नाराजगी का आलम यह है कि 31 अक्टूबर की महारैली ऐतिहासिक होने जा रही है। सूत्र बताते है कि राज्य के सभी जिलों से भाजपा विरोधी जनसमूह रांची की ओर कूच करेगा। उस दिन रांची में यातायात व्यवस्था भी ठप होने की संभावना है।

आयोजकों ने सभी से आह्वान किया है कि वे किसी भी हालात में, 31 अक्टूबर को रांची के मोरहाबादी मैदान पहुंचकर अपना रोष प्रकट करें। राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को बताये कि वे अब किसी भी कीमत पर इस राज्य सरकार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस महारैली के आयोजक एवं प्रमुख नेता बंधु तिर्की का कहना है कि तीन साल में ये रघुवर सरकार बताये कि आदिवासियों और यहां के मूलनिवासियो के लिए क्या किया? वह बताये कि आधारभूत संरचनाओं का क्या हाल है?

आखिर राज्य के किसान बदहाल क्यों है? आखिर राज्य के किसान आत्महत्या करने को विवश क्यों है?  राज्य से अमन-चैन गायब क्यों है?  क्या राज्य की जनता ने इन्हें विदेश घुमने के लिए जनादेश दिया थाक्या राज्य की जनता ने अपनी जमीन पूंजीपतियों के हाथों सौंपने के लिए जनादेश दिया था?  इन सारी मुद्दों पर देश की सभी प्रमुख पार्टियां मोरहाबादी मैदान में 31 अक्टूबर को अपना विचार रखेगी। लोग आयेंगे और रघुवर सरकार को बतायेंगे कि उनकी इस सरकार के बारे में राय क्या है?