लीजिये हाथी उड़ानेवाले CM रघुवर अब झारखण्ड में भगवा बल्ब जलायेंगे

लीजिये अब तक आपने सुना था हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, नीली क्रांति और अब सुनिये भगवा क्रांति। भगवा क्रांति नया – नया ईजाद हुआ है और इसे ईजाद करने का श्रेय जाता हैं, इस देश के सर्वाधिक बुद्धिमान मुख्यमंत्री रघुवर दास को। ये देश के एकमात्र बुद्धिमान मुख्यमंत्री हैं, जिसे भारत के प्रधानमंत्री ने झारखण्ड राज्य की जनता के लिए चुना और यहां की जनता के माथे बिठा दिया। सारी जनता इनके नये-नये ईजाद किये गये फार्मूले से तबाह हैं और ये जब तक कुर्सी पर रहेंगे, तबाह होती रहेगी।

चलिए कल इन्होंने एक नये क्रांति का ईजाद किया है। यह कहकर कि वे इस राज्य में भगवा क्रांति लायेंगे। भगवा क्रांति का लोग गलत अर्थ न निकाल लें, इसलिए उन्होंने तुरंत उसे स्पष्ट किया कि ये भगवा क्रांति का लोग दूसरा अर्थ न निकाले। भगवा का मतलब, बल्ब का कलर भी इसी रंग का होता है, इसलिए उनकी सरकार 2018 दिसम्बर तक गांव या शहर या पहाड़ी इलाके के गांव, हर जगह बिजली पहुंचायेगी, यह सरकार का प्रण है।

सचमुच देश के पहले और आखिरी बुद्धिमान मुख्यमंत्री रघुवर दास ही है, तभी तो इन्होंने बल्ब का कलर तक ढूंढ निकाला, उससे निकलनेवाली रोशनी का कलर भी निकाल लिया, हो सकता है कि आनेवाले समय में जो बिजली की तारों में जो करंट दौड़ती हैं, उसका भी वे कलर निकाल लें और लोगों को उस करंट प्रवाहित हो रही तार को हाथ में लेकर यह बता दें कि देखिये, इसके अंदर जो बिजली प्रभावित हो रही हैं, उसका कलर भी भगवा हैं, जिसमें भाजपा का प्राण बसता हैं, इसलिए उन्होंने जो कहा, सो किया, भगवा क्रांति हो गई।

कल हो सकता हैं, कि उनके आगे पीछे करनेवाले ब्यूरोक्रेट्स का समूह जो अभी-अभी माननीय/माननीया हो गया, वह माननीय/माननीया हो जाने के कारण, उसके पांव जमीन पर न हो, और वह भगवा क्रांति को जमीन पर उतारने के लिए लग जाये, ठीक उसी प्रकार जैसे विभिन्न गांवों और शहरों में खराब ट्रांसफार्मर आम लोगों को मुंह चिढ़ा रहे होते हैं, लो देखो अपना चेहरा और देखो सरकार का भी चेहरा, भगवा क्रांति के पहले कालिमा क्रांति देख लो, जिससे तुम्हारा असली चेहरा दिखाई पड़ जाये।

आश्चर्य इस बात की है कि यहां का मुख्यमंत्री क्या बोल रहा हैं? कहां बोल रहा है? क्यों बोल रहा हैं? किसको बोल रहा हैं? पता ही नहीं चल पा रहा। बेसिर-पैर की बातें, पता नहीं कौन इस व्यक्ति का भाषण तैयार करता है, या खुद ही बोल देता है, अखबारों में इसके द्वारा निकाले गये विज्ञापन भी हास्यास्पद होते हैं, जबकि यह विभाग भी सीएम रघुवर दास के हाथों में ही हैं, और कुछ लोग बाहर से भी इनके चेहरे चमकाने के लिए मंगाये गये हैं, उसके बाद भी इनका चेहरा कितना चमक रहा हैं, वह तो पूरे झारखण्ड में इनके खिलाफ किये जा रहे पुतला दहन से पता लग जाता हैं, कल तो गोड्डा में सीएम रघुवर दास के खिलाफ श्रद्धाजंलि सभा का भी आयोजन हो गया। यहीं नहीं अब तो बिहार में भी इनका विरोध शुरु हो गया है।

भाई गजब नमूने हो गये हैं। हमारे विचार से राज्य के पर्यटन विभाग को एक विशेष विज्ञापन निकालना चाहिए, आइये झारखण्ड में देखिये, मुख्यमंत्री रघुवर दास। जो गढ़वा में एक समुदाय को अपमानित करता है, जो सदन में विपक्षी नेताओं को गाली देता है, जो बल्ब में भी कलर ढूंढ लेता है, ऐसा बुद्धिमान व्यक्ति और कहां?  हमें लगता है कि इससे पर्यटन विभाग को भी फायदा होगा और राजस्व भी प्राप्त होगा, क्योंकि सुनने में आया है कि राज्य को राजस्व का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है।