बाबूलाल मरांडी का बयान – अगर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को हिलाने की कोशिश हुई तो भाजपा चुपचाप हाथ पर हाथ धरे बैठी नहीं रहेगी

झारखण्ड के पुलिस मुख्यालय द्वारा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग (आईपीआरडी) को आगे कर पत्रकारों पर नकेल कसने के जो प्रयास हो रहे हैं, उस पर अब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की भी नजर आज पड़ ही गई। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को इस प्रकरण पर एक तरह से चेतावनी भी दे डाली कि अगर लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ को हिलाने की कोशिश हुई तो उनकी पार्टी चुपचाप हाथ पर हाथ धर कर बैठी नहीं रहेगी। ऐसे भी इस प्रकरण पर कई बुद्धिजीवियों ने अपने अपने ढंग से इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, तथा इस मुद्दे को राज्य सरकार के लिए खतरनाक बता दिया है। बाबूलाल मरांडी ने जो इस पर ट्विट किया हैं, वो ट्विट इस प्रकार है…

‘हेमंत सोरेन श्रमजीवी पत्रकारों को अपना कोपभाजन बना रहे हैं और भ्रष्टाचारियों पर विशेष कृपा बरसा रहे हैं। सरकारी लूट तंत्र को उजागर करने वाले, सचिवालय से लेकर पंचायत स्तर तक हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले, जनता की समस्याओं पर सरकार से तल्ख़ सवाल पूछने वाले, लोकतंत्र के सजग प्रहरियों पर प्रहार हो रहा है। सत्यापन के नाम पर केवल पत्रकारिता का गला घोंटा जा रहा है। हेमंत जी, लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को हिलाने की कोशिश हुई तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी।’

हालांकि इस मुद्दे पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने हाथ खड़े कर दिये हैं। उसका कहना है कि उसका एक अपना दायरा है और वो उस दायरे का अतिक्रमण किसी भी हालत में नहीं कर सकता। विद्रोही24 ने इस मुद्दे पर कई बार आईपीआरडी के अधिकारियों से इस मुद्दे पर बातचीत की और सभी का वक्तव्य एक प्रकार का ही रहा कि सूचीबद्धता और मान्यता दोनों में आकाश और जमीन का अन्तर होता है। विभाग ने सूचीबद्धता की सूची पुलिस मुख्यालय को थमाई है, न कि मान्यता की।