राजनीति

बाबूलाल मरांडी ने DGP को लिखा पत्र, कहा सुनील तिवारी के पत्र को गंभीरता से लें, नहीं तो ऐसा न हो कि हाल के कई मामलों की तरह सुनील तिवारी के साथ भी कोई बड़ा हादसा हो जाये

भाजपा नेता अनुंरजन अशोक द्वारा डोरंडा थाना में अपनी जान-माल की सुरक्षा को लेकर की गई शिकायत के बाद, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गये पत्र के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक को पत्र संप्रेषित किया है, जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि वे सुनील तिवारी के पत्र को हल्के में न लें।

उन्होंने अपने पत्र में इस बात को स्पष्ट रुप से लिखा है कि हाल के कई ऐसे मामलों का उदाहरण सामने हैं जिसमें पुलिस को ख़तरे की आशंका की लिखित सूचना के बाद भी कुछ नहीं किया गया और प्रभावित व्यक्ति की हत्या हो गई। इसलिये विषयवस्तु की गंभीरतो को समझें और सुनील तिवारी की सुरक्षा के लिए गंभीरता से कदम उठाएं। बाबूलाल मरांडी द्वारा राज्य के पुलिस महानिदेशक को लिखा गया पत्र इस प्रकार है …

पुलिस महानिदेशक,

झारखंड।

कृपया मेरे सलाहकार श्री सुनील तिवारी के इमेल का अवलोकन करें। इस बारे में मैंने भी बीते 14 अगस्त 2023 को मुख्य सचिव को विस्तार पूर्वक जानकारी के साथ पत्र लिखा था जिसकी कॉपी आपको भी भेजी गई थी। सुनील तिवारी पर आसन्न ख़तरा एवं राजनैतिक दुर्भावनापूर्ण बदले की कार्रवाई की आशंका के बारे में हमने अभी हाल में मोबाइल पर बातचीत में आपके संज्ञान में लाया था।

विषयवस्तु गंभीर है। हाल के कई ऐसे मामलों का उदाहरण सामने हैं जिसमें पुलिस को ख़तरे की आशंका की लिखित सूचना के बाद भी कुछ नहीं किया गया और प्रभावित व्यक्ति की हत्या हो गई। साहिबगंज खनन घोटाला के खिलाफ एफ़आइआर के लिये थाने में लिखकर देने वाले अनुरंजन अशोक को भी पांच दिन पहले मोबाइल पर जान से मारने की धमकी देने और अनुरंजन के डोरंडा थाना में शिकायत करने की खबर अख़बारों में देखने को मिला है।

आप पुलिस के मुखिया हैं। नियमानुसार आपकी यह ज़िम्मेदारी है कि राज्य में अमन चैन क़ायम रहे, पुलिस क़ानून के आधार पर काम करे। सत्ता पोषित या कोई दूसरे गुंडे-मवाली राज्य में उत्पात नहीं मचायें और राजनैतिक द्वेष से किसी के खिलाफ पुलिस कोई फ़र्ज़ी पीड़क कार्रवाई न करे जैसा कि आये दिन होते देखा जा रहा है। और यही वजह है कि उच्च न्यायालय को पुलिस की पुर्वाग्रह ग्रस्त कार्यशैली के  चलते ऐसे कई मामले जांच के लिये सीबीआई के हवाले करना पड़ा है।

आपसे अनुरोध है कि सुनील तिवारी के इस पत्र के साथ ही पिछले सारे पत्र की गंभीरता का अपने स्तर से संज्ञान लें एवं उनके, उनके परिवार की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही राजनैतिक बदले की भावना से पुलि कोई पीड़क कार्रवाई नहीं करे, इसका ख़याल रखें।

भवदीय

बाबूलाल मरांडी