अपनी बात

कोरोना पर हेमन्त को नसीहत और उधर PM मोदी के अभियान को आग लगाने में जूटे बाबूलाल मरांडी

उधर पीएम मोदी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत और दूसरे देशों को जागरुक कर रहे हैं और इधर झारखण्ड के भाजपाई पीएम मोदी की सोच को ही चुनौती दे रहे हैं,  उनकी जागरुकता अभियान को मटियामेट कर रहे हैं। कमाल की बात है ये भाजपाई झारखण्ड विधानसभा में तो हेमन्त सरकार को कोरोना वायरस को लेकर खुब घेरते हैं, पर खुद ही वो हर प्रकार की हरकतें कर रहे हैं, जिसे पीएम मोदी खुद परहेज कर रहे हैं।

जरा देखिये ये भाजपाई कर क्या रहे हैं, जब पूरा देश और विश्व कोरोना से लड़ रहा था/हैं, यहां के भाजपाई अपने बेटे-बेटियों की शादी में भी भीड़ इकट्ठी कर रहे थे/हैं, यहीं नहीं होली मिलन समारोह आयोजित कर रहे थे/हैं और खुद कोरोना वायरस को लेकर हेमन्त सरकार को नसीहत दे रहे थे/हैं।

अभी-अभी ताजा मामला यह है कि कल यानी 17 मार्च को सेलिब्रेशन बैंकवेट, करम टोली चौक, रांची में सायं सात बजे भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी की उपस्थिति में बसंत मिलन समारोह का आयोजन किया गया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं होली जैसे पर्व से दूरियां बना ली, सार्वजनिक कार्यक्रमों तक से दूरियां बना ली, पर इन भाजपाईयों को देखिये, उन्हें पीएम मोदी या उनकी इस सोच से क्या मतलब?

जरा देखिये, अभी-अभी झाविमो से छलांग लगाकर, अपनी पार्टी का अस्तित्व समाप्त कर भाजपा में डूबकी लगानेवाले बाबू लाल मरांडी ने किया क्या है, खुद तो होली मिलन समारोह कराया और 13 मार्च को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हेमन्त सरकार को नसीहत दे डाली, जो राज्य के सभी प्रमुख समाचारों में छपा। उक्त प्रेस विज्ञप्ति में बाबू लाल मरांडी का बयान है कि “झारखण्ड में आये दिन कोरोना वायरस के संदिग्धों की खबर सुनने को मिलती रही है। झारखण्ड सरकार ने बायोमैट्रिक  हाजिरी पर विराम लगाया है, परन्तु यह शायद नाकाफी है।

कोरोना एक महामारी का रुप ले चुकी है। कोरोना एक आयातित बीमारी है। राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था वैसे भी लचर स्थिति में है। भगवान न करें, परन्तु थोड़ी सी भी हल्की लापरवाही से अगर कोरोना ने झारखण्ड में पैर पसारा तो हालात और भी बेकाबू हो जायेंगे। सावधानी बचाव का सबसे बड़ा उपाय है। झारखण्ड सरकार को चाहिए कि वह इस महामारी से सावधानी के हर मुकम्मल उपाय को पहले ही अपनाये ताकि महामारी के पैर पसाने की नौबत ही नहीं आये।”

कमाल है, हेमन्त सरकार को नसीहत और इनके लोगों ने आज क्या किया? रांची के अलबर्ट एक्का चौक में भारी संख्या में जुटे, पुतला दहन किया, भाषणबाजी की। अब सवाल उठता है कि क्या इस प्रकार के प्रदर्शन से वह भी खुद के लिए, न कि जनता के लिए किये जानेवाले प्रदर्शन आदि से कोरोना वायरस फैलने का खतरा नहीं, क्या बाबू लाल मरांडी या वे भाजपा नेता जो पीएम मोदी के अनुरोध को भी अस्वीकार करने में लगे हैं, वे क्या भाजपा और मोदी के दुश्मन नहीं?

क्या ये पीएम मोदी की सोच में आग नहीं लगा रहे, क्या ऐसे दुमुंहापन से कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ा जा सकता है, ये तो हेमन्त सोरेन या झामुमो/कांग्रेस के नेताओं को ही बाबू लाल मरांडी और भाजपा के नेताओं से एक स्पेशल कोठरी में बुलाकर सवाल दागना चाहिए। साथ ही, प्रेमालाप कर कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार द्वारा अब तक हुई कार्यों को विस्तार पूर्वक बता देना चाहिए।