Author: Krishna Bihari Mishra

अपनी बात

सरकार रघुवर की हो या हेमन्त की, चाहे महामारी से पत्रकारों की जान ही क्यों न चली जाये, पत्रकारों को अंततः लटकना ही हैं

शर्मनाक, एक ओर झारखण्ड के कई पत्रकारों व उनके परिवार के सदस्यों को कोरोना ने निगल लिया। कई पत्रकार व उनके परिवार के सदस्य ऐसे भी हैं, जो आज भी कोरोना पोजिटिव होकर, अपने घरों में कैद हैं, तथा भगवान का नाम लेकर अपना घर में इलाज करा रहे हैं। इसी बीच राज्य में पत्रकारों के साथ ऐसी भी घटनाएं घट रही हैं, जिसे देख व सोचकर सिर शर्म से झूक जा रहा हैं, पर आश्चर्य हैं कि सरकार में शामिल लोगों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा,

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अपनी बात

इस महामारी में नफरत की दुकान खोलकर बैठे नक्सलियों, मोदी-विरोधियों, मीडियाकर्मियों से बचें और देश को भी बचाएं

कोरोना तो बहाना है, असली मकसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाना, उन्हें पूरे विश्व में नीचा दिखाना, जिसके लिए केवल भारत के विपक्षी दलों, नक्सलियों, मीडियाकर्मियों के समूह ही नहीं, विश्व के ऐसे देश जिनका काम ही भारत का विरोध करना है, उनसे मिलकर भारत में बैठे कुछ देशद्रोही, भारत की साख को तो धूमिल कर ही रहे हैं, भारत की जनता को तिल-तिल मरता देख आह्लादित भी हो रहे हैं, जिसकी जितनी निन्दा की जाय, उतना कम है।

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अपनी बात

सिस्टम पर अंगुलियां उठानेवालों, तुम्हारी आत्मा को क्या हो गया, तुम्हारी आत्मा की मौत क्यों हो गई?

पूरा देश कोरोना से पीड़ित है। रोज कहीं न कहीं से मौत की खबर आ रही हैं। कहीं-कहीं तो एक ही परिवार से कई सदस्य खत्म होते जा रहे हैं, पर इस भयंकर त्रासदी में भी कुछ ऐसे लोग हैं, ऐसे अखबार है, जो इस आपदा में भी अवसर ढूंढ ही लेते हैं, कमाने का जरिया निकाल ही लेते हैं। ये वे लोग हैं, जो प्रतिदिन सरकार और सिस्टम पर अंगुलियां उठाते हैं, लेकिन अपना दीदा नहीं देखते।

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अपनी बात

अभिनन्दन उन युवाओं का, जो कोरोना के इस घातक लहर में अपनी जान की परवाह किये बिना प्रभावितों की सेवा में जी-जान से जुटे हैं

मुझसे कोई पूछे कि भारत कहां रहता हैं, तो मैं इन युवाओं को देख सीधे कह दूं कि भारत इन्हीं के दिलों में रहता है, इन्हीं के दिलों में धड़कता है, इन्हीं के दिलों में सजता-संवरता है। जरा देखिये न, रांची में क्या हो रहा है? एक तरफ वैसे-वैसे बड़े-बड़े प्रशासनिक अधिकारियों व बड़े-बड़े धनाढ्यों के निजी अस्पताल है, जहां एक ही धंधा चल रहा हैं, कि कैसे कोरोना मरीजों के परिवारों की जेबों पर डाका डाला जाये, उनके जेब में जो भी कुछ हैं, निकाल लिया जाय।

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अपनी बात

कोरोना से मुक्ति दिलाने को सेना मैदान में, CM हेमन्त ने दिलाया भरोसा राज्य में बेड व ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं

राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का प्रयास अब रंग ला रहा है। कोरोना संक्रमित लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए सेना ने आज हाथ बढ़ा दिया। सेना के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के साथ बैठक कर, हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। सेना ने फिलहाल रांची में 50 कोविड बेड देने की घोषणा भी की है। जिसमें ऑक्सीजन यूनिट्स की मदद राज्य सरकार द्वारा दी जायेगी। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस विकट परिस्थिति में सेना द्वारा दिये जा रहे मदद के लिए सेना को विशेष रुप से धन्यवाद भी दिया।

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अपनी बात

दीपक, बाबूलाल, धर्मपाल आदि भाजपाइयों को कुणाल षाड़ंगी, संजय सेठ, सूर्य प्रभात से कुछ सीखना चाहिए

राज्य सरकार और सिस्टम को दोष देनेवाले भाजपा के राज्यस्तरीय शीर्षस्थ नेताओं, आपको किसी दूसरे दल के नेताओं से कुछ सीखने की जरुरत नहीं हैं, आप ही के पार्टी के अंदर कई ऐसे-ऐसे नेता व छोटे कार्यकर्ता मौजूद है, जो इस कोरोना महामारी के वक्त मानवता की सेवा के लिए सबसे आगे निकल पड़े हैं, जिनकी प्रशंसा इन दिनों सर्वत्र हो रही हैं। आप लोग अभी भी राजनीति ही कर रहे हैं, उस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की तरह, जो कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ता कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नीचा दिखाया जाये,

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अपनी बात

ये एक दूसरे को नीचा दिखाने का समय नहीं नेताओं और बेवजह चिल्लानेवालों नामुरादों, अपने पत्रकार मित्रों की सुध लो

भाई मैं बार-बार कह रहा हूं, यह समय राजनीति करने का नहीं है। यह समय एक दूसरे को नीचा दिखाने का नहीं है। यह समय हर प्रकार की बुराइयों से उपर उठकर मानवता की सेवा करने का है। आप किसे नीचा दिखा रहे हैं, आप किस मुंह से खुद को सर्वश्रेष्ठ कह रहे हैं। जहां आपके शासन हैं, वहां भी बुरा हाल है, नहीं तो जाकर मध्यप्रदेश, बिहार व उत्तरप्रदेश घुम आइये। अगर सिस्टम झारखण्ड में फेल है, तो आपके शासित राज्यों में सिस्टम कोई दूसरा नहीं हैं।

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अपनी बात

याद रखो बेशर्मों, इस कालचक्र को समझो, नहीं तो कौड़ी के तीन हो जाओगे, ये धन बनाने का नहीं, सेवा का समय है

मैं बार-बार कह रहा हूं, यह समय किसी भी व्यक्ति या दल या सरकार में दोष ढूंढने का नहीं, बल्कि यह समय हैं – धैर्य पूर्वक, दृढ़ता के साथ उस संकट से लड़ने का, जो फिलहाल पूरी मानवता को नष्ट करने पर तूला है। यह चीन के वुहान से कोरोना के रुप में निकला जैविक हथियार बता रहा है कि ऐसे संकट अब बार-बार विश्व को झेलने पड़ेंगे, इसलिए इसके लिए आज से ही तैयार हो जाइये, क्योंकि चीन जैसा देश, जब अपने में आयेगा तो वह किसी को चैन से सोने नहीं देगा।

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अपनी बात

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के एन त्रिपाठी ने अपने दो भवनों को कोरोना प्रभावितों के इलाज के लिए राज्य सरकार को सौंपा

एक तरफ जहां कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए राज्य के कई निजी अस्पतालों ने इसे लूट का अवसर मानकर, जमकर कोरोना प्रभावितों के परिवारों से उनका आर्थिक दोहन शुरु कर दिया है, तो दूसरी तरफ ऐसे लोग भी हैं, जो इस समय मानवता की सेवा के लिए आगे आ रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के एन त्रिपाठी। पलामू के रहनेवाले के एन त्रिपाठी राज्य में पूर्व में ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं श्रम नियोजन मंत्री भी रह चुके हैं।

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अपनी बात

अच्छी खबरः बस एक सप्ताह का इंतजार करें झारखण्डवासी, जल्द मिलेगी कोरोना की दूसरी लहर से राहत!

बस अब कुछ ही दिन बचे हैं, झारखण्ड में 25-30 अप्रैल के बीच कोरोना पीक पर होगा, उसके बाद धीरे-धीरे इसमें कमी आयेगी, ये बाते अपने राज्यवार ग्राफ में आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर मणिन्द्र अग्रवाल ने बताई है। मणीन्द्र अग्रवाल की ये बातें झारखण्ड में कोरोना से लड़ाई लड़ रहे, प्रशासकों, स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना प्रभावितों व सरकार के लिए भी राहत देनेवाली है।

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