ट्विट करने के पूर्व साक्षी जोशी को मालूम होना चाहिए कि भारत के हिन्दू 16 या 23 घंटे ही नहीं, बल्कि 36 घंटे से भी अधिक का उपवास रखते आ रहे हैं

साक्षी जोशी भला इन्हें कौन नहीं जानता। भारी भरकम महिला पत्रकार है। इन दिनों देश में हो रहे हिन्दू-मुस्लिम दंगों से बहुत चिढ़ी हुई है। खुब ट्विट करती है। खुब लिखती है। जी भरकर प्रधानमंत्री, भाजपा एवं हिन्दू संगठनों को कोसती हैं, पर मुस्लिम संगठनों में व्याप्त अतिवादियों के लिए इनके दिल में बड़ा ही प्रेम हैं।

पूरे देश में कही भी कुछ हो रहा हैं तो इनके नजरों में हिन्दू ही दोषी हैं, जबकि कई अखबार-चैनल खुलकर बता रहे हैं कि किन इलाकों में किसने उधम मचाया हैं, और क्यों मचाया है, पर इनको इनसे कोई मतलब नहीं, इनके ट्विटर पर जाइये, तो इन्हें हर मुस्लिम में खुदा का बंदा और एक महान देशभक्त नजर आता हैं, और हिन्दूओं में सिर्फ और सिर्फ दंगाई नजर आता हैं, नहीं तो 15 अप्रैल को साक्षी जोशी ये नहीं लिखती।

हिन्दूओं को यह कहकर चुनौती नहीं देती कि… मुसलमान 16 घंटे रोजा रखते हैं, हिन्दुओं को 23 घंटे का व्रत रखना चाहिए।15 अप्रैल को साक्षी जोशी ने एक टिव्ट किया। टिव्ट था – हनुमान चालीसा के बाद नई पहल होनी चाहिए, मुसलमान 16 घंटे रोजा रखते हैं, हिंदुओं को 23 घंटे का व्रत रखना चाहिए, come on you can do it. अब साक्षी जोशी को कौन बताए कि 16 घंटे रोजा क्या और 23 घंटे का व्रत क्या, यहां तो हिन्दू जब व्रत रखते हैं तो 36 घंटे कब पार हो गये, पता ही नहीं चलता।

साक्षी जोशी को इस संबंध में पता लगाना हैं तो थोड़ा बिहार-झारखण्ड, इससे सटे बंगाल और उत्तरप्रदेश और अब तो दिल्ली में भी बड़ी संख्या में लोग छठ मनाते हैं, जाकर साक्षी उन हिन्दू परिवारों से पुछ ले कि छठ व्रतियां कितने घंटे का व्रत रखती है। पता नहीं साक्षी जोशी हिन्दू हैं भी या नहीं, मैं नहीं जानता और न जानने की कोशिश करता, पर उसे पता होना चाहिए कि भारत में अभी भी ऐसे हिन्दूओं की संख्या बहुतायत हैं, जो रविवार व्रत करते हैं और एक साल में कितने रविवार होते हैं, शायद साक्षी जोशी को पता ही होगा और न पता हो तो अपने माता-पिता से पता लगा लेना चाहिए कि जो रविवार का व्रत करते हैं, वो व्रत 16 घंटे या 23 घंटे से ज्यादा का होता हैं या कम का।

साथ ही एकादशी व्रत जो हर महीने में दो आता हैं, उस एकादशी व्रत में लोग 16 घंटे का उपवास रखते हैं या 23 घंटे से ज्यादा का उपवास रखते हैं। ऐसे तो मैंने रविवार और एकादशी का ही यहां जिक्र किया हूं, अगर ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी हो, तो साक्षी के घर में कोई न कोई धार्मिक व्यक्ति अवश्य होगा, क्योंकि हिरण्यकशिपु के घर में भी प्रह्लाद का जन्म हुआ था, पता लगाना चाहिए कि भारत में हिन्दूओं में कितने व्रत हैं, उसकी संख्या जान जायेगी तो साक्षी जोशी का सारा भूत उतर जायेगा, पर वो अपना भूत उतरवा पावेंगी कि इसका मुझे शक है। 

मैं ये नहीं कहता कि सारे के सारे मुसलमान या सारे के सारे हिन्दू दंगाई हैं, पर इतना तय है कि पूरा देश जान चुका है कि रामनवमी, नवसंवत्सर और हनुमान जयंती के अवसर पर निकली शोभायात्रा मे किसने पत्थर फेंके, क्यों फेंके और पत्थर ही क्यों फेंके?सच्चाई यह है कि दोनों पक्षों में अतिवादियों का एक बहुत बड़ा तबका हैं, जो गलत करने का कोई मौका नहीं छोड़ता, पर सिर्फ इसके लिए हिन्दू समुदाय को कटघरे में रखना, उन्हें टीच करने की कोशिश करना, गलत ठहराना किसी को भी शोभा नहीं देता और न ही  उसे अधिकार हैं।

अगर आप एक पक्षीय खबर भी देते हैं तो आप पत्रकार नहीं, आप भी दंगाई है, क्योंकि आप एक का पक्ष लेकर दूसरे को नीचा दिखाने के लिये यह कह रहे है कि मुसलमान तो 16 घंटे की रोजा रख रहे हैं, हिन्दू भी जवाब में 23 घंटे व्रत रखें, और ऐसा कर भी सकते हैं, दरअसल साक्षी आपको हिन्दू धर्म को जानने में पूरी जिंदगी भी निकल जायेगी तो हिन्दू धर्म क्या हैं, पता नहीं चल पायेगा, इसलिए आप अपने ज्ञान का प्रदर्शन ज्यादा न करें? क्योंकि आपके ट्विट बता देते है कि आप कितनी धर्मनिरपेक्ष और बुद्धिमान है।