Author: Krishna Bihari Mishra

अपराध

रूपा तिर्की मेरी बहन के समान, उसकी मौत मामले में परिजनों को हर हाल में न्याय मिलेगा – हेमन्त

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज रूपा तिर्की की मां पद्मावती उरांव, पिता देवानंद तिर्की और विधायक बंधु तिर्की के साथ एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से कहा कि उन्हें आशंका है कि सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या की गई है। उन्होंने इस मामले में अब तक की जांच से असंतुष्टि जताते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जो भी दोषी पाए जाएं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि न्याय मिल सके।

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अपनी बात

सोनू सूद इसलिए आगे आएं क्योंकि उन्हें सच्चाई नहीं मालूम और अबुआ नेताओं का दिल इसलिए नहीं पिघला क्योंकि वे भास्कर और बिरसा के वंशजों की सच्चाई से वाकिफ हैं…

दैनिक भास्कर के एक पत्रकार का कहना है कि झारखण्ड के किसी अबुआ नेता का दिल नहीं पिघला, लेकिन दूर मुंबई के अभिनेता सोनू सूद बिरसा के परिजनों के लिए मदद को आगे आए, तो भाई मेरे  झारखण्ड का बच्चा-बच्चा को पता है और जानता है कि भगवान बिरसा के वंशजों को जो मिलना चाहिए, वो सरकार और समाज दोनों ने दिया है, उनके दोनों पड़पोते सरकारी सेवा में हैं।

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अपनी बात

क्या सचमुच बिरसा के वंशज आज भी दबे-कुचले हैं, जैसा कि दैनिक भास्करवालों ने कहा या माजरा कुछ और है?

सवाल न. 1 – सबसे पहले “दैनिक भास्कर” के प्रथम पृष्ठ के सबसे उपर लिखी दो पंक्तियों पर नजर डालें, क्या लिखा है? –“एक गरीब आदिवासी बच्चा। एक युवा बागी किसान। जिसने आदिवासियों को जंगलों से खदेड़ने-मारने के विरोध में अंग्रेजों और सामंतों से लड़ाई शुरु की, आजाद भारत का सपना देखा। बिरसा को अंग्रेजों ने छल से पकड़ा, जेल में ही जहर देकर मार डाला। उसी भगवान के बच्चे आज भी दबे-कुचले हैं…”

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अपनी बात

प्रेस क्लब की बैठक में कानूनी कार्रवाई को लेकर सहमति नहीं, वयोवृद्ध पत्रकारों ने चेताया क्लब को अपने ही चिराग से खाक होने से बचाएं

मंगलवार को रांची प्रेस क्लब की कार्यकारिणी की बैठक थी। यह बैठक संस्थान में ही आयोजित थी, जिसमें ज्यादातर प्रेस क्लब के अधिकारियों लोगों ने हिस्सा लिया। इसकी जानकारी वरिष्ठ पत्रकार सुशील कुमार सिंह मंटू ने अपने सोशल साइट फेसबुक के माध्यम से दी है। सुशील कुमार सिंह मंटू के कथाननुसार पूर्व में लिए गये निर्णय के तहत बैठक की मिनट्स टू मिनट्स की गतिविधियों की जानकारी सार्वजनिक करनी थी, लेकिन कमेटी में शामिल अधिकारियों ने इसे सार्वजनिक नहीं किया,

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अपनी बात

“बिरसा का गांडीव” तो इस जेठ की दुपहरिया में कई लोगों के तन-बदन में आग लगाकर फागुन की मस्ती में डूबा था, मतलब समझे कि ना समझे

भर फागुन रांची प्रेस क्लब के अधिकारी देवर लगिहे, भर फागुन… जोगी जी धीरे-धीरे रंग लगइहो धीरे-धीरे, गाली दियो धीरे-धीरे… आप कहेंगे कि अरे विद्रोही जी को क्या हो गया, इ तपती जेठ महीने में इनको फगुनाहट कैसे सुझ गया, तो भैया जी लोग, झारखण्डी जनता लोग, विभिन्न अखबारों-चैनलों में काम करनेवाले विद्वान पत्रकारों वो इसलिए कि अभी-अभी रांची से प्रकाशित “बिरसा का गांडीव” नामक अखबार ने हमें बताया है कि आज फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जिसका विक्रमी संवत् 2077 है।

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अपराध

चले थे “उगाही” का दाग मिटाने पर खुद की ईज्जत गवां बैठी रांची प्रेस क्लब वो भी दिन-दहाड़े

रांची प्रेस क्लब में मिशन ब्लू फाउंडेशन, कमलभद्र फैसिलिटीज व प्रेस क्लब द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेस में अपनी बात रख रही अस्पताल में कार्यरत महिला कर्मचारी और पुरुष कर्मचारी ने जो संवाददाताओं के बीच में बात रखी हैं, वो बातें अकल्पनीय व एक महिला के साथ अपमान की एक नई गाथा कह रही है। आप कह सकते है कि इन तीनों ने जो कांफ्रेस की थी, वो कांफ्रेस ठीक उस लोकोक्ति को साकार कर रही है कि “आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास।”

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राजनीति

जमशेदपुर की तेजतर्रार महिला पत्रकार ने धमकी देनेवाले राज्य के एक मंत्री की चुनौती स्वीकार की, 2024 में देगी जवाब

जमशेदपुर की वरिष्ठ महिला पत्रकार अन्नी अमृता आज आक्रोशित दिखी। आक्रोशित होने का कारण, हेमन्त सरकार में शामिल एक मंत्री द्वारा उन्हें धमकी देना बताया जा रहा है। अन्नी ने इसी आक्रोश में एक पर एक ट्विट करना शुरु किया है, जो उनकी वेदनाओं को स्पष्ट कर दे रही हैं। अगर उनके ट्विट को देखा जाये तो लगता है कि उनके इरादे बुलंद हैं और हो सकता है कि वो 2024 के विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पश्चिम से राज्य के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री की चूलें हिला दें।

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अपराध

एक और कलंक, रांची प्रेस क्लब का एक अधिकारी –  प्रेस क्लब रुम में एक लड़का और एक लड़की पाई गई

रांची प्रेस क्लब के नाम एक और कलंक जुड़ गया, और इस कलंक के साक्षी बने हैं, रांची प्रेस क्लब के ही अधिकारी व इनके मार्फत रांची प्रेस क्लब में चलाये जा रहे विभिन्न कार्यों में लिप्त अन्य महानुभाव। जिनके बीच व्हाट्सएप्प ग्रुप में हुई बातें और उसके स्क्रीन शॉट्स जो वायरल हैं, उसे आप देखेंगे तो आप माथा पकड़ लेंगे, कि आखिर रांची प्रेस क्लब में ये हो क्या रहा हैं? हम व्हाट्सएप्प ग्रुप की वो बातों को तो यहां दे रहे हैं, पर उस फोटो को नहीं देंगे, क्योंकि यह किसी लड़की और लड़के के भविष्य से जुड़ा मामला है,

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अपनी बात

अभिनन्दन करिये अंकित की टीम को, जिसने बंगलुरु से भटक कर कतरास पहुंचे ‘डीन जोन्स’ को उनके घर पहुंचाया

कुछ दिन पहले की बात है। विद्रोही24 को यह खबर मिली, जो बहुत ही संवेदनशील एवं मानवीय मूल्यों पर आधारित थी। बंगलूरु से चलकर डीन जोन्स जहां उन्हें पहुंचना था, वे वहां तक तो नहीं पहुंचे, पर पहुंच गये दो हजार से भी ज्यादा किलोमीटर दूर धनबाद के कतरास, जहां इन्हें पहुंचना ही नहीं था। पता चला बंगलुरु से निकलने पर रास्ते में वे नशाखुरानी गिरोह के शिकार हो गये, जिनसे उनके पास रखी हुई सारे कीमती सामान भी चोरी हो गये।

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अपराध

रांची प्रेस क्लब के अधिकारियों द्वारा इस्तीफा देने-नामंजूर करने की नौटंकी शुरू, उधर पंकज सोनी को बचाने में लगे उससे लाभ लेनेवाले/NGO चलाने वाले पत्रकारों के समूह

जैसे ही कल यानी 04 जून को रांची से प्रकाशित सांध्य दैनिक “बिरसा का गांडीव” ने रांची प्रेस क्लब और एक एनजीओ मिशन ब्लू फाउंडेशन के पंकज सोनी के करतूतों की बखिया उधेड़ी, पूरे सोशल मीडिया में बवाल मच गया, रांची प्रेस क्लब के अधिकारियों में खलबली मच गई, क्योंकि उनका असली चेहरा लोगों के सामने आ चुका था, करीब-करीब सभी मीडियाकर्मियों ने इस कृत्य की घोर निन्दा की और जमकर अपने विचार सोशल साइट पर प्रकट कर दिये।

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