राजनीति

रांची नगर निगम मेयर पद के लिए आशा लकड़ा हो सकती है भाजपा उम्मीदवार

इस बार रांची नगर निगम का चुनाव दलगत आधार पर होना सुनिश्चित है, विभिन्न राजनीतिक दलों की नजर रांची नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर पद पर कब्जा जमाने की है। वर्तमान में मेयर पद पर आशा लकड़ा और डिप्टी मेयर पद पर संजीव विजयवर्गीय का कब्जा हैं। ये दोनों हालांकि स्वतंत्र रुप से पिछली बार चुनाव लड़े थे, पर इस बार दलगत आधार पर चुनाव होने से इनकी पहली और अंतिम प्राथमिकता भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की है, क्योंकि इनका दिल हमेशा से ही भाजपा के लिए धड़कता है।

पिछले दिनों भाजपा के टिकट पर किसको चुनाव लड़ाया जाय, इसको लेकर एक मीटिंग हुई थी, जिसमें जिन-जिन लोगों को चुनाव लड़ने की इच्छा थी, उनसे उनका मंतव्य मांगा गया था। मेयर पद के लिए भाजपा की टिकट से तीन लोगों ने अपनी उम्मीदवारी भाजपा के समक्ष रखा है। ये हैं आशा लकड़ा, अशोक बड़ाइक और नकुल तिर्की, जबकि डिप्टी मेयर के पद के लिए सुबोध सिंह गुड्डू, विनय जायसवाल, संजीव विजयवर्गीय, मुकेश मुक्ता, रमेश सिंह, संजय जायसवाल, प्रतुल नाथ शाहदेव के नाम उल्लेखनीय है।

मेयर पद के लिए आशा लकड़ा भाजपा में सब पर भारी पड़ रही हैं, एक तो वह महिला है, दुसरा सीटिंग कैडिंडेट है और तीसरा उम्मीदवारी का दावा करनेवालों में उनका नाम सब पर भारी पड़ रहा हैं, दूसरी ओर डिप्टी मेयर में टिकट के दावेदारों की लंबी लाइन है। इसमें दलबदल में माहिर तथा नित्य प्रतिदिन सीएमओ की गणेश परिक्रमा करनेवालों की लंबी लाइन हैं, ऐसे में डिप्टी मेयर के लिए टिकट उसी को मिलेगा, जिस पर रघुवर दास की कृपा होगी। ऐसे में रघुवर दास की कृपा किस पर बरसती है, सभी का ध्यान रघुवर दास की ओर है।

इन दिनों सभी कैंडिडेटों का पांव दो जगहों पर जाकर अटक रहा हैं, एक संघ कार्यालय तो दूसरा सीएमओ हाउस। संघ कार्यालय में तो नाम के प्रचारक हैं और नाम के ही सरकार्यवाह है, यहां तो सिर्फ एक ही व्यक्ति की चलती है, वह जो निर्णय लेगा, वहीं संघ के प्रचारक को भी मान्य होगा, ऐसे में कुछ लोग चाहते है कि संजीव विजयवर्गीय को ही डिप्टी मेयर के पद अपना प्रत्याशी घोषित की जाय, पर नित्य प्रतिदिन मुख्यमंत्री की गणेश परिक्रमा करनेवाले कैंडिडेटों ने संजीव विजयवर्गीय की नींद उड़ा दी हैं, इनकी नींद उड़ाई हैं, दलबदल में माहिर लोगों ने तथा उनके ही जाति के कुछ युवा मित्रों ने।

ऐसे में आशा लकड़ा को तो टिकट मिलना तय है, पर संजीव विजयवर्गीय के लिए इस बार थोड़ा राह आसान नहीं दिखता, फिर भी वर्तमान तक अभी इनका पलड़ा भारी दिखाई पड़ रहा है, आगे सीएम रघुवर और संघ के लोगों की कृपा किस पर बरसती हैं, कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन इस बार का मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव सामान्य नहीं है, ये सभी को मालूम हो चुका है। चुनाव लड़नेवाले और चुनाव लडानेवालों को भी।