‘आजसू’ मतलब दूल्हों के भी तरफ से चाची और दुल्हिनियों के भी तरफ से भी चाची

आजसू के नेता पता नहीं खुद को क्या समझते है, उन्हें लगता है कि झारखण्ड की जनता महाबेवकूफ है, वे उन्हें जैसे चाहे वैसे नचा देंगे, हालांकि इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ रहा है। हाल ही में हुए विधानसभा उप चुनाव में ये गोमिया से भी हारे और सिल्ली से उनके सुप्रीमो यानी सुदेश महतो भी दुबारा विधानसभा का चुनाव हार गये, फिर भी ये समझ नहीं पा रहे कि आखिर झारखण्ड की जनता उनसे क्या चाहती है?

वे अपने पॉकेट में कुछ यहां के संपादकों और पत्रकारों को रखकर, अपना चेहरा चमकाते रहते हैं और उन्हें लगता है कि बस जनता अब उनकी मुट्ठी में हैं, पर उन्हें नहीं पता कि यहां की जनता यहां के अखबारों और चैनलों को भी खूब अच्छी तरह जान चुकी हैं कि ये कैसे मैनेज होते हैं और कौन नेता का कौन अखबार या चैनल ज्यादा पूजा अर्चना करता है, ऐसे में भला जनता को कौन बेवकूफ बना पायेगा?

कमाल है ये जब भी बैठक करेंगे, दो-चार डोज सरकार को दे देंगे, यह कहकर कि उसकी स्थानीय नीति ठीक नहीं हैं, सरकार के काम-काज ठीक नहीं है, सरकार एसपीटी-सीएनटी मुद्दे पर भी सही नीति नहीं अपना रही है, भू अधिग्रहण विधेयक पर भी सरकार की मंशा साफ नहीं हैं, अरे भाई जब सब कुछ गड़बड़ ही हैं तो फिर आप सरकार में शामिल क्यों हो? आप सरकार से अलग क्यों नहीं हो जाते, आप जनमुद्दों को लेकर संघर्ष क्यों नहीं करते? किसने आपको संघर्ष करने के लिए रोक रखा है?

झारखण्ड बनने के बाद तो आप हमेशा सत्ता से ही चिपके रहे, आप ये बताओ की झारखण्ड बनने के बाद कितने जन मुद्दों को लेकर आप या आपकी पार्टी सड़कों पर उतरी, आप ये क्यों नहीं जानते कि बिना संघर्ष के कोई भी पार्टी आगे नहीं बढ़ती और जो पार्टी संघर्ष नहीं करती, वह धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

आजसू कहती है कि वह राज्य के सभी 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, अरे भाई आपको चुनाव लड़ना हैं तो आप झारखण्ड की 81 ही क्यों, पूरे देश की लोकसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार दो, उससे क्या हो जायेगा? सच्चाई क्या हैं? सच्चाई तो यहीं है कि आप जनता के सामने से गायब हो, जनता आपकी सरकार के प्रति अद्भुत प्रेम और अद्भुत अनुराग को देखकर, आपसे स्वयं को अलग कर चुकी हैं, अगला चुनाव जब होगा तो भाजपा एंड पार्टी वर्सेज ऑल होगा और आप पर अभी भी भाजपा का चस्पा लगा हुआ हैं, भला उसे हटाने का कोई प्रयास आज तक किया, तो लोग वोट आपको क्यों देंगे और आप सत्ता में आयेंगे कहां से, आप हमेशा भाजपा की जूनियर टीम ही रहेंगे, जो रफ्फू के काम आयेंगे।

जरा वर्तमान ही देख लीजिये, झारखण्ड के भाजपाई मुख्यमंत्री रघुवर दास, आपको अच्छी तरह जानते थे कि आप उन्हें जैसे पाये, वैसे नचाने की कोशिश करेंगे, इसलिए उन्होंने झाविमो के विधायकों को, जिनका दिल दलबदलने के लिए मचल रहा था, उन पर डोरे डाले, उन्हें भाजपा में शामिल किया और बहुत हद तक आप पर अंकुश लगाने में कामयाबी हासिल कर ली।

कभी आप ही सिल्ली से अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा का दामन थामा था, पर उसके बाद भी आपको सफलता नहीं मिली, आज जिस अमित महतो ने आपको सिल्ली में शिकस्त दी, बाद में उसे चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहरा दिया गया, बाद में उसकी पत्नी सीमा महतो ने जो आपको शिकस्त दी, केवल इसी कहानी और इसके अंदर छुपे रहस्यों को अगर आप जान लेने की कोशिश करें तो निःसंदेह आपकी पार्टी और झारखण्ड दोनों को फायदा होगा, पर आप ऐसा करेंगे नहीं, आपको तो लगता है कि आपने जो कह दिया, बस हो गया, पर ऐसा हैं नहीं, वह इसलिए कि जब आप सिल्ली से रांची या रांची से सिल्ली जाये तो देखियेगा स्वर्णरेखा नदीं में बहुत सारा पानी बह चुका हैं, जो बता रहा हैं कि आप फिलहाल झारखण्ड की राजनीति में कही नहीं हैं, इसे स्वीकारिये।