ईडी के प्रेम पत्र से डरी हेमन्त सरकार 1932 के खतियान का छलावा देकर जनता का ध्यान भटकाने में लगीः विरंची

आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में पार्टी विधायक दल की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने की। बैठक में नेता विधायक दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह सहित विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, नवीन जायसवाल, जेपी पटेल, अपर्णा सेन गुप्ता, अमर  बाउरी, रामचंद्र चंद्रवंशी, नीरा यादव, अनंत ओझा, रणधीर सिंह, भानु प्रताप शाही, आलोक चौरसिया, केदार हाजरा, पुष्पा देवी, नारायण दास, किशुन दास, अमित मंडल, समरी लाल, कोचे मुंडा, विरंची नारायण, शशिभूषण मेहता, राज सिन्हा, मनीष जायसवाल उपस्थित थे।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पार्टी के मुख्य सचेतक विधायक विरंची नारायण ने कहा कि प्रदेश भाजपा, प्रदेश की जनता के जनभावनाओं के साथ खड़ी है। लेकिन सरकार की मंशा साफ नही है। श्री नारायण ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा यदि साफ रहती तो फिर यह सरकार सीधे संकल्प लेकर 1932 की स्थानीय नीति और नियोजन नीति लागू कर देती। लेकिन हेमंत सरकार इसे केवल उलझाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि 6 माह पहले मुख्यमंत्री ने सदन ने स्पष्ट कहा था कि 1932 की नीति को लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने स्वालिया लहजे में पूछा कि आखिर सरकार ने कौन सा परिवर्तन उसमें कर दिया। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार ने 1985 की नीति केवल संकल्प लाकर लागू कर दिया था जिसमे एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई।

उन्होंने कहा कि यह सरकार ईडी के प्रेम पत्र से डरी हुई है। जब-जब ये सरकार भ्रष्टाचार के मामले में घिरती है तब तब नए-नए छलावे देकर जनता का ध्यान भटकाती है। पिछड़ों के 27 प्रतिशत आरक्षण  के प्रस्ताव पर कहा कि भाजपा के सभी विधायक इससे सहमत हैं लेकिन सरकार की मंशा इस पर भी साफ नही है। विरंची ने कहा कि आखिर सरकार क्यों बिना पिछड़ों का आरक्षण तय किए नगर निकाय चुनाव कराने पर अड़ी हैं जबकि इन्होंने पंचायत चुनाव के समय कोर्ट में हलफनामा देकर अगला चुनाव आरक्षण तय करके ही कराने की बात कही थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो विधायकों को विधेयक की कॉपी मिली है उसमे अनेक त्रुटियां है। पार्टी कल विधानसभा अध्यक्ष से मांग करेगी कि पार्टी के नेता को सदन में बात रखने का अवसर दिया जाए।