अपनी बात

JMM का एक अनोखा विधायक, जिसे बूके, गुलदस्ते, शॉल पसंद नहीं, उसे पाठ्यपुस्तक-नोटबुक चाहिए

बहरागोड़ा के झामुमो विधायक एवं झारखण्ड विधानसभा के लोक लेखा समिति के सदस्य कुणाल षड़ंगी ने अपने शुभचिन्तकों, समर्थकों और कार्यकर्ताओं से अपील की है कि किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक या राजनैतिक कार्यक्रम में आमंत्रण के अवसर पर या उनके कार्यालय में आने पर फूलों के गुलदस्ते या बुके या मिठाइयों के पैकेट या शॉल नहीं लाए, अगर कुछ देना ही हैं तो बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तक या नोटकॉपी लेकर आये, ताकि इससे वे उन सैकड़ों और हजारों बच्चों की मदद कर सकें, जो बच्चे पाठ्यपुस्तक या नोट-कॉपी के अभाव के कारण अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते।

झामुमो विधायक कुणाल षड़ंगी अपने स्वतंत्र एवं उद्देश्यपूर्ण विचारों के लिए जाने जाते हैं, वे अपने इलाके में सेवाकार्यों के कारण अतिलोकप्रिय हैं, उनके बारे में लोग बताते है कि इनकी सोच अन्य विधायकों जैसी नहीं हैं, ये हमेशा अपने क्षेत्रों में जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहते हैं। उनका कहना है कि चूंकि उनके इलाके में ऐसे कई बच्चे हैं, जिन्हें पाठ्यपुस्तक एवं अभ्यास पुस्तिका की आवश्यकता है, हालांकि ये बहुत ही छोटी सी चीजें है, पर उन बच्चों के जीवन के लिए  काफी अहमियत रखती है, जो शिक्षा के द्वारा अपना भविष्य सुधारना चाहते हैं, जो उनका मौलिक अधिकार भी हैं।

ऐसे में जो लोग उनसे मिलने आते हैं, उनसे कुछ प्राप्त करना उन्हें अच्छा नहीं लगता, पर देखने में आता है कि बहुत सारे लोग बूके, गुलदस्ते, मिठाइयां, शॉल लेकर पहुंच जाते हैं, ऐसे में ये सारी चीजें उनके लिए व्यर्थ हो जाती है, उनका कोई यूज नहीं हो पाता, अगर वे लोग इनके जगह पर बच्चों से जुड़ी किताबें, कॉपियां, पेन्सिल आदि का प्रबंध कर दें।

तो निःसंदेह वे अपने इलाकों के उन बच्चों को संसाधन उपलब्ध कराकर उनका भविष्य तो जरुर ही सुधार सकते हैं, इसलिए उन्होंने ऐसी अपील की है, अगर लोग ऐसा करेंगे तो उनका भी भला होगा, क्योंकि उनकी चीजें जरुरतमंदों के बीच जायेंगी, जिसका पुण्य उन्हें भी प्राप्त हो जायेगा, बस इतना ही उनके मन में भाव है, देखते है उनके अपील का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है?