संघ शिक्षा वर्ग में भाग ले रहे 600 स्वयंसेवकों ने लिया धनबाद की माताओं के हाथों से बना भोजन का स्वाद

धनबाद में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ शिक्षा वर्ग में धनबाद की माताओं द्वारा संघ के स्वयंसेवकों को अपने हाथों से बनाये गये भोजन को खिलाना और बाद में स्वयंसेवकों द्वारा धनबाद की माताओं को पूरे स्नेह के साथ भोजन परोसने का समाचार आज पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया, जिन्होंने देखा, जिन्होने सुना, सभी आश्चर्यचकित रहे, आखिर ऐसा कैसे संभव हो गया? लेकिन संभव हुआ और सभी ने इस मातृहस्तेन भोजनम् का परमानन्द उठाया।

आज धनबाद की माताओं ने स्वयंसेवकों को रोली-अक्षत लगाकर तिलक लगाया, और उसके बाद में बड़े प्रेम से स्वयंसेवकों को भोजन कराया, बाद में स्वयंसेवकों ने भी माताओं को बड़े प्रेम से भोजन कराया और एक दूसरे का परिचय प्राप्त किया। बताया जाता है कि धनबाद की इन माताओं ने अपने घर से नाना प्रकार के पकवान बनाकर, इन स्वयंसेवकों के लिए विभिन्न पात्रों में लाई थी, जिसे ग्रहण कर सभी स्वयंसेवकों ने बाहर रहकर भी घर का आनन्द प्राप्त किया।

संघ शिक्षा वर्ग से जुड़े लोगों का कहना था कि इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य था कि हम सभी एक हैं, और सभी एक दूसरे से जुड़े हैं, सभी स्वयंसेवकों का परिवार एक ही हैं, और वे एक दूसरे के परिवार के मदद के लिए बने हैं, तथा राष्ट्र की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है, इसमें कहीं किन्तु-परन्तु नहीं। धनबाद के समस्त बुद्धिजीवियों ने संघ के आज  के इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

धनबाद से एक स्वयंसेवक ने बताया कि धनबाद के गोविन्दपुर आमाघाट रोड पर राज्य के सुप्रसिद्ध उद्योगपति प्रदीप संथालिया का निजी अत्याधुनिक विद्यालय बनकर तैयार है, जिसमें संघ शिक्षा वर्ग का यह कार्यक्रम 25 मई से चल रहा है, जो पन्द्रह जून तक चलेगा। बताया जा रहा है कि इस संघ शिक्षा वर्ग में छः सौ स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं, तथा इस संघ शिक्षा वर्ग को सफल संचालन में करीब 200 लोगों का एक समूह प्रत्यक्ष रुप से लगा है।

संघ शिक्षा वर्ग से जूड़े लोगों ने बताया कि धनबाद में चल रहे इस संघ शिक्षा वर्ग के प्रथम वर्ष में सिर्फ झारखण्ड के, द्वितीय वर्ष में बिहार और झारखण्ड के तथा घोष वर्ग में बिहार-झारखण्ड के स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिसमें धनबाद के सभी नागरिक खुलकर समर्थन कर रहे हैं, लोगों ने बताया कि स्वयंसेवकों के लिए सायं काल का भोजन घर-घर से मंगवाया जा रहा है, जिसमें सभी सहयोग कर रहे हैं।  

बताया जा रहा है कि उत्तर बिहार के प्रथम वर्ष के प्रशिक्षणार्थियों के लिए तथा 40 वर्ष से उपर के द्वितीय वर्ष के लिए बिहार-झारखण्ड दोनों का प्रशिक्षण शिविर फारविसगंज में, दक्षिण बिहार का प्रथम वर्ष जमुई में, राष्ट्र सेविका समिति का पन्द्रह दिनों का प्रशिक्षण शिविर मुजफ्फरपुर व रामगढ़ में चल रहा है। ज्ञातव्य है कि जो स्वयंसेवक प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त कर लेते हैं, वे ही अंत में यानी तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण नागपुर संघ मुख्यालय में प्राप्त करते हैं।