योगदा संन्यासियों ने स्वच्छता मानकों का अनुपालन कर तैयार किये राहत सामग्रियों के पैकेटों को जन-जन तक पहुंचाया

कोविड लॉकडाउन के तीसरे हफ्ते में योगदा सत्संग शाखा मठ ने अपने सहायता भरे हाथ राजधानी रांची के निकटवर्ती गांवों तक बढ़ाया। ज्ञातव्य है कि योगदा संन्यासियों ने गरीबों और जरूरतमंदों तक सूखे खाद्यान्न और अन्य जीवनोपयोगी सामग्री पहुंचाने के अपने अभियान की शुरूआत राजधानी क्षेत्र से की थी। जो जरूरतमंद इस संस्थान से राहत सामग्रियां पाते हैं, उन्हें पता है कि राहत सामग्रियों के पैकेट आश्रम परिसर में स्वच्छता मानकों का अनुपालन करते हुए खुद संन्यासियों और स्वयंसेवकों द्वारा तैयार किये जाते हैं।

आश्रम सूत्रों ने बताया कि रविवार और शनिवार को निगम क्षेत्र से सटी हहाप पंचायत के सात गांवों लीबूडीह, हेसापीड़ी, सरवल, सपारोम, बुरुडीह और लदनापीड़ी में राहत अभियान चलाया गया। इस दौरान जिला परिषद सदस्य और पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा चिह्नित राशनकार्ड विहीन और बेरोजगार पांच सौ ग्रामीणों को जीवनोपयोगी सामग्री उपलब्ध कराई गई। इस सामग्री में 1,500 किलो चावल, 600 किलो दाल, 800 किलो आलू, 600 किलो प्याज, 250 लीटर सरसों तेल, 25 किलो हल्दी, एक हजार मास्क और  नहाने तथा कपड़े धोने के दो हजार साबुन शामिल थे।

इसके पूर्व के राहत अभियानों में छह हजार किलो खाद्यान्न, दो हजार किलो प्याज, पांच हजार किलो आलू, एक हजार लीटर सरसों तेल, तीस हजार प्रति साबुन और आठ हजार मास्क राजधानी रांची सहित विभिन्न ग्रामांचलों में वितरित किये जा चुके हैं। खास बात यह कि हर राहत शिविर में लाभुकों को कोविड के लिहाज से बरती जाने वाली सावधानियों की आश्रम के चिकित्सकों द्वारा जानकारी दी जाती है।

योगदा संन्यासियों का कहना है कि इस पवित्र संस्था के संस्थापक और दुनिया भर में लोकप्रिय क्रियायोग गुरु परमहंस श्री श्री योगानन्द के स्पष्ट विचार थे कि ईश्वर की अनुभूति सभी जीवों के प्रति दया भाव रखने से संभव है। स्वयं ईश्वर दया भाव से ओत-प्रोत हैं। मनुष्य होने का मतलब ही है, दूसरों के हृदय में अपनी जगह बनाओ और उनकी तकलीफों की स्वानुभूति करते हुए उन्हें दूर करने के प्रयास करो। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के ऐसे ही वचनों पर अमल करते हुए योगदा आश्रम हमेशा सक्रिय रहता है, खासकर आपदा के समय इस दिशा में वह आगे-आगे चलने का हिमायती है।

आश्रम ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों  को सहायता सामग्री उपलब्ध कराने का अभियान जारी रखने की बात दोहराई है। अभियान के अगले चरणों में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और समाचार पत्र हॉकरों तक सहायता के अपने हाथ पहुंचाने की आश्रम सूत्रों ने जानकारी दी है। उन्होंने निवेदन किया है कि इस सहायता अभियान में भागीदार बनने के इच्छुक आश्रम के वेबसाइट पर दान कर सकते हैं।