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CM हेमन्त सोरेन और सरयू राय का प्रयास रंग लाया, झूकी केन्द्र सरकार, गृह मंत्रालय ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों/विद्यार्थियों को लाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये

आखिरकार झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का प्रयास रंग लाया, उनके द्वारा तीन दिन पूर्व लिखी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चिट्ठी प्रभाव दिखाई। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, विद्यार्थियों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों आदि को लाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिये। चूंकि केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कही से भी किसी के भी आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिये थे, तथा उसके लिए कुछ नियम का भी प्रावधान किया था, ऐसे में उन नियमों का उल्लंघन कर दूसरे राज्यों से किसी को भी लाना नियमानुकूल नहीं था।

फिर भी कई राज्य केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों का अवहेलना करते हुए मनमानी करते चले जा रहे थे, जिसमें राजस्थान की कांग्रेस सरकार और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी शामिल थी, लेकिन इस मुद्दे को अगर प्रभावकारी ढंग से किसी ने उठाया, इसके लिए रिलेक्शेसन आर्डर जारी करने की बात अगर किसी ने उठाई तो वह झारखण्ड की हेमन्त सरकार थी।

ऐसे हम आपको बता दे कि इस प्रकार का सबसे पहला मुद्दा तब उठा था, जब रांची में बैठे जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर जाने की बात लॉकडाउन में उठाई थी, जिस पर राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा था कि नियमानुकूल ऐसा संभव नहीं, जब तक इसको लेकर केन्द्र से दिशा-निर्देश जारी नहीं हो जाता।

इस बात को लेकर राज्य के एक अधिकारी ने केन्द्र को एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसका जवाब आज तक केन्द्र ने नहीं दिया। इधर केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी हो जाने से वैसे लाखों लोगों को फायदा पहुंचा है, जो लॉकडाउन की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे हैं, और अपने राज्य लौटना चाहते हैं, इस दिशा-निर्देश के आ जाने से अब वे राज्य स्वेच्छा से अपने लोगो को अपने राज्य बुला सकते हैं, इससे लोगों को कोई कानूनी पचड़े में भी नहीं पड़ना पड़ेगा।

जबकि पूर्व में कानूनी पचड़े में पड़ने का खतरा था, आज भी कोई भारतीय नागरिक इस बात को लेकर अगर न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया, तो वे राज्य जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपने लोगों को दूसरे राज्यों से बुलाया हैं या जिन राज्यों ने जाने दिया हैं, वहां की सरकार और वहां के अधिकारी कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं।

पर आजकल कानून का सम्मान कौन करता है, जो लोग कानून का सम्मान जैसा कि झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन या सरयू राय जैसे लोग किया करते हैं, उन्हें तो कानून तोड़नेवाले या कानून तोड़ने में विश्वास रखनेवाले ही बुद्धि देने का काम करते हैं, जैसा कि एक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री का सलाहकार रह चुका व्यक्ति अभी खुब दिये जा रहा है।

2 thoughts on “CM हेमन्त सोरेन और सरयू राय का प्रयास रंग लाया, झूकी केन्द्र सरकार, गृह मंत्रालय ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों/विद्यार्थियों को लाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये

  • Pankaj kumar

    आदरणीय मुख्यमंत्री जी को बहुत बहुत साधूवाद , आशा है कि अब हम जेसे फ़से लोग अपने घर पहुँच पाएँगे

  • chandan upadhyay

    सही, और सटीक पत्रकारिता!

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