अपनी बात

बिना जांच कराए RPC के अध्यक्ष ने माना पत्रकार को दोषी, की कड़ी टिप्पणी, कहा पत्रकार भयादोहन करते हैं, मीडिया बदनाम

जब आपने किसी के खिलाफ, किसी से शिकायत मात्र सुन लेने के बाद अपना ओपनियन दे डाला, जिसके खिलाफ शिकायत हुई है, उसे दोषी तक मान लिया और उस पर कड़ी टिप्पणी दे दी, फिर उसके बाद कहते है कि इस तरह के जो भी पत्रकार है, उनकी जांच कराकर आगे की कार्रवाई करेंगे, आखिर ये क्या बला है भाई, आप है क्या? आप खुद को समझ क्या रहे हैं, जरा ये भी खुल कर समझा देते तो बड़ी कृपा हो जाती।

दरअसल उपर्युक्त पंक्तियां मैं इसलिए लिख रहा हूं कि किसी दल के एक विधायक ने एक पत्रकार के खिलाफ रांची प्रेस क्लव के अध्यक्ष को एक ज्ञापन दिया, ज्ञापन देने के बाद उक्त विधायक ने एक निजी चैनल को दिये बयान में कहा कि एक यू ट्यूब पर प्रसारित होनेवाले एक चैनल के एक पत्रकार ने उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की, उनके खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया। उक्त विधायक ने यह भी कहा कि वह उक्त पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करायेंगे।

इस बयान के बाद तुरंत रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश सिंह एक निजी चैनल को बयान देते है कि चंद लोगों की वजह से पूरा मीडिया जगत एवं पत्रकार बदनाम हो गये हैं, इनके द्वारा भयादोहन किया जाता है, ये चीजें बंद हो, विधायक ने जो शिकायत उन्हें सौंपा है, वे अपने कमेटी के समक्ष रखेंगे, इस तरह के जो भी पत्रकार हैं, उनकी जांच कराकर आगे की कार्रवाई करेंगे।

अब सवाल उठता है कि कोई भी व्यक्ति किसी पत्रकार के खिलाफ शिकायत करेगा और आप बिना दूसरे व्यक्ति का पक्ष जाने (जिस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत हो रही है) आप उसके खिलाफ या उन जैसों के खिलाफ बयान जारी कर देंगे, इसका मतलब है कि आपने बिना किसी जांच के ही उसे दोषी मान लिया और जब दोषी मान लिया, टिप्पणी कर दी, तो फिर कमेटी के पास इसे रखने का क्या मतलब?

अच्छा तो यह होता कि आप का यह बयान आता कि आपके पास विधायक की शिकायत आई है, आप इसकी जांच करवा लेते हैं, जांचोपरांत ही बतायेंगे कि पत्रकार दोषी है अथवा नहीं, लेकिन बिना किसी जांच के इतनी बड़ी प्रतिक्रिया वह भी रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष द्वारा दे दिया जाना क्या ये शर्मनाक नहीं और जब आप ने मान लिया कि ऐसे चंदलोगों की वजह से पूरा मीडिया जगत एवं पत्रकार बदनाम हो गये तो आप के पास इसकी जानकारी भी होगी कि ऐसे कौन-कौन लोग हैं, जो भयादोहन करते है?

आप ऐसे लोगों की सूची क्यों नहीं जारी कर देते,  हाथ कंगन को आरसी क्या? बताइये कि कौन-कौन पत्रकार किस प्रकार का भयादोहन कर परमानन्द को प्राप्त करते हैं, ठेके लेते हैं, ट्रांसफर कराते हैं, तथा नाना प्रकार के कुकर्मों में लिप्त हैं, क्योंकि आपका बयान सामान्य बयान नहीं है, अब आप कह भी नहीं सकते कि आपने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, विद्रोही24डॉट कॉम के पास आपके बयान के पुख्ता सबूत है।